अहमदाबाद. गुजरात का एक शहर. पिछले दिनों यहां लॉकडाउन कड़ा कर दिया गया. यानी दूध, सब्जी, राशन जैसी जरूरी सामान वाली दुकानें भी बंद. 10 मई को अधिकारियों ने बताया कि शहर में कोरोना वायरस के 334 सुपर स्प्रेडर मिले हैं. आशंका है कि अहमदाबाद में करीब 14 हजार सुपर स्प्रेडर हो सकते हैं. ये बेहद खतरनाक स्थिति है. ऐसे में सवाल उठता है कि ये सुपर स्प्रेडर आखिर होते कौन हैं? और इनके चलते महामारी का विस्फोट कैसे होता है? हम आज इसी पर बात करेंगे.
#सबसे पहले सुपर स्प्रेडर के बारे में जान लेते हैं
सुपर स्प्रेडर अंग्रेजी शब्द है. इसका हिंदी में मतलब होता है किसी भी मैसेज या संक्रमण को सबसे ज्यादा फैलाने वाले लोग. कोरोना वायरस के भी सुपर स्प्रेडर हैं. कौन हैं ये लोग? ये वो लोग हैं जो कई लोगों के संपर्क में आते हैं. अनजाने में वायरस के कैरियर्स बन जाते हैं. इनके जरिये कोरोना वायरस कई लोगों में फैलता है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि किसी बीमारी के 80 प्रतिशत मामलों के जिम्मेदार केवल 20 प्रतिशत लोग होते हैं. यानी औसतन एक व्यक्ति से पांच लोग बीमार होते हैं. सुपर स्प्रेडर कोई एक व्यक्ति ही हो ये जरूरी नहीं है, एक समूह भी सुपर स्प्रेडर हो सकता है. कोई कार्यक्रम जैसे पार्टी, रैली या सभा भी सुपर स्प्रेडर हो सकती है.
कैसे तय होता है कि कोई सुपर स्प्रेडर है?
कोई आदमी सुपर स्प्रेडर है या नहीं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि उससे कितने लोग इंफेक्ट हो रहे हैं. कोरोना वायरस के केस में इंफेक्शन का एवरेज 2.5 है. यानी एक व्यक्ति से औसतन ढाई लोग बीमार हो रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर एक व्यक्ति से 10 लोगों को कोरोना फैलता है, तो उसे सुपर स्प्रेडर माना जाता सकता है. क्योंकि इस एक व्यक्ति से जिन 10 लोगों को बीमारी हुई, संभावना है कि उनके जरिये और लोगों में ये बीमारी फैलेगी. इस तरह से एक व्यक्ति से बीमारी फैलने की चेन बन जाती है.
सुपर स्प्रेडर से कैसे फैलती है बीमारी?
यदि किसी व्यक्ति को इंफेक्शन हो जाए, लेकिन उसकी पहचान न हो पाए. या फिर पहचान के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग और आइसोलेशन के नियमों का पालन न करे. तो ऐसे में बीमार व्यक्ति बाहर घूम-घूमकर बहुत से लोगों को बीमार कर सकता है.
सुपर स्प्रेडिंग के उदाहरण-
# अहमदाबाद का एक इलाका है धोलका. यहां पर एक तरबूज बेचने वाला कोरोना पॉजीटिल निकला. उसके संपर्क में आए 96 लोगों को क्वारंटीन किया गया. उनके टेस्ट भी हुए. इनमें से 12 लोग पॉजीटिव पाए गए.
# दक्षिण कोरिया में एक महिला को बुखार हुआ. डॉक्टर्स ने उसे कोरोना टेस्ट कराने और बाकी लोगों से अलग रहने को कहा. लेकिन महिला रोजमर्रा का काम करती रही. कुछ दिन बाद बुखार बढ़ा तो टेस्ट कराया. वह कोरोना पॉजीटिव पाई गई. वह कोरिया की 31वीं कोरोना मरीज थी. उसके संपर्क में आए करीब 1200 लोगों को क्वारंटीन किया गया. अगले 15 दिन में दक्षिण कोरिया में कोरोना के मामले 3000 के पार हो गए.
# तमिलनाडु का एक सब्जी मार्केट. नाम है कोयाम्बेदु मार्केट. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बावजूद मार्केट खुला रहा. अब यहां से कोरोना के 1600 के करीब मामले आ चुके हैं. इसी मार्केट से गए ट्रक ड्राइवर से पड़ोसी राज्य केरल के वायानाड में फिर से कोरोना के मामले सामने आए. इस ड्राइवर से करीब 20 लोगों को कोरोना वायरस इंफेक्शन हुआ.
# ब्रिटेन में 53 साल का एक व्यक्ति सिंगापोर में एक कॉन्फ्रेंस में गया. यहां उसे कोरोना संक्रमण हुआ. लेकिन पता नहीं चला. सिंगापोर से वह पहले फ्रांस और फिर ब्रिटेन गया. बाद में सामने आया कि उस व्यक्ति से ब्रिटेन में 11 लोगों को कोरोना हो गया.
# चीन का वुहान शहर. कोरोना के पहले मामले यहीं सामने आए थे. खबरों के अनुसार, यहां पर एक मरीज से 15 स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना हो गया था.
# बनारस में एक दवा कारोबारी की सेहत खराब हुई. उनसे घर पर रहने को कहा गया. लेकिन वे नहीं माने. बाहर जाकर लोगों की मदद करने लगे. 27 अप्रैल को वे कोरोना पॉजीटिव निकले. बाद में उनसे संपर्क में आए 13 और लोग कोरोना पॉजीटिव पाए गए.
# जयपुर में अधिकारियों ने 10 सब्जी और फल बेचने वालों की पहचान की है. बताया जाता है कि इनसे 150 लोगों को कोरोना हुआ.