लॉक डाउन में बिहार के मजदुर के साथ साथ छात्र भी फंसे हैं। ऐसे में बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बिहार सरकार ने ऐसे छात्रों को 1000 रूपये देने का फैसला लिया है। पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई बैठक के बाद सीएम नीतीश ने राज्य के बाहर फंसे छात्रों के लिए बड़ा एलान किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने ऐलान किया है कि लॉकडाउन की वजह से बिहार के लाखों लोग भारत के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं। इन सभी लोगों को राज्य सरकार ने उनके खाते में एक-एक हजार रुपये देने की घोषणा की है। बिहार के बाहर राज्य के हजारों छात्र-छात्राएं भी अलग-अलग शहरों में हैं। सरकार इन छात्रों के खाते में भी एक हजार रुपये डालेगी। राज्य सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सूचना एवं जनसंपर्क सचिव ने बताया कि कोविड-19 को लेकर लागू लॉकडाउन की वजह से बिहार के जो लोग बाहर फंसे हुए हैं, उनके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय, आपदा प्रबंधन विभाग और बिहार भवन कार्यालय में हेल्पलाइन है। हेल्पलाइन के नंबरों पर ये लोग अपनी समस्याएं बता रहे हैं।
हालांकि इस लाइन में जो दिहाड़ी मजदूर हैं, वो भी शामिल हैं। कई के पास राशन ठीक से पहुंच तक नहीं पा रही है। एक टाइम खाना खाकर किसी तरह गुजारा कर रहे हैं। अनुपम कुमार ने यह भी बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के माध्यम से इस राशि का वितरण कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस कोष से अभी तक लगभग 16 लाख लोगों के खाते में 1000 रुपये की राशि भेजी गई है। इन लोगों में छात्र-छात्राओं के अलावा दिहाड़ी मजदूर और अन्य जरूरतमंद लोग शामिल हैं।