कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए बिहार में प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत करने की तैयारी हो रही है। दिल्ली मुखयमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते शुक्रवार को इसका इशारा किया था कि दिल्ली के 4 मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया जिसके नतीजे अच्छे आए हैं। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार से बाकी सीरियस मरीजों को प्लाज्मा थेरपी देने के लिए इजाजत मांगी जाएगी।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने शनिवार को बताया कि बिहार सरकार की ओर से भी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से पटना एम्स में कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी देने की इजाजत मांगी गई है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी को लेकर विचार किया जा रहा है।
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्घि हो रही है। गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमितों के प्लाज्मा थेरेपी से इलाज के उत्साहनक परिणाम सामने आए हैं। यही कारण माना जा रहा है कि बिहार सरकार भी इस थेरेपी से कोरोना संक्रमितों के इलाज की योजना बनाई है।
प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके व्यक्तियों के खून से प्लाज्मा निकालकर दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित रोगी को चढ़ाया जाता है। दरअसल संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर में उस वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बन जाती है और 3 हफ्ते बाद उसे प्लाज्मा के रूप में किसी संक्रमित व्यक्ति को दिया जा सकता है ताकि उसके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगे। प्लाज्मा संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के खून से अलग कर निकाला जाता है। एक बार में एक संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति के शरीर से 400ml प्लाज्मा निकाला जा सकता है। इस 400ml प्लाज्मा को दो संक्रमित मरीजों को दिया जा सकता है।