मामला समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीनगर प्रखंड का है । यहाँ के खालिद अनवर पिछले कुछ सालों से दर-दर भटक रहे हैं । वजह है अनुकंपा के आधार उनके पिता की नौकरी उन्हे नहीं मिली है । इसके लिये उन्होने कई बार जनता दरबार में भी शिकायते की है । लेकिन मामला ढ़ाक के तीन पात बना हुआ है ।
इस बाबत हवाबाज मीडिया से संपर्क कर खालिद ने बताया कि उनके शिक्षक पिता की मौत 1990 में हो गई थी । अनुकंपा के आधार पर उनके बड़े भाई मो0 हारून रसीद की नियुक्ती की गई । लेकिन आश्रितों के भरण-पोषण वर्ष 1994 से नहीं करने और मध्य विद्यालय मकतब से लगातार वर्षो तक अनुपस्थित रहने की शिकायत मृतक शिक्षक की पत्नी ने निदेशक प्राथमिक शिक्षा विभाग से की थी । इसे गंभीरता से लेते हुए निदेशक ने जिलाधिकारी को पत्र भेज अनुकंपा पर नियुक्त मो0 हारून रसीद को बर्खास्त कर उनके द्वितिय सुपुत्र मो0 खालिद अनवर को नियुक्त करने का आदेश दिया ।
लेकिन उस आदेश के बावजूद आज तक मो0 खालिद की नियुक्ति नहीं हो पाई है । इससे हताश होकर खालिद ने कई बार इस बात की जानकारी लेने के लिये आरटीआई भी दाखिल किया । मुख्यमंत्री से शिकायत भी की लेकिन मामला जस का तस बना हुआ है । हालात ये है कि खालिद के पास भुखमरी की नौबत आ गई है ।