बिहार के गरीब मरीजों के लिए राजधानी दिल्ली में पप्पू यादव की और से चलने वाली सेवा आश्रम बंद हो सकता है । एमपी चुनाव हारने के बाद मोदी सरकार ने पप्पू यादव को बंगला खाली करने का निर्देश दिया है । कहते हैं कि सियासत में आम लोगों की सेवा सच्ची राजनीति की पहली शर्त होती है । इस पर बहुत कम राजनेता खरे उतरते हैं । इस मामले में बिहार के मधेपुरा से 2014 में लोकसभा चुनाव जीतने वाले जन अधिकार पार्टी के संयोजक पप्पू यादव काफी आगे हैं । उन्होंने कल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला और उसमें अपने दिल्ली स्थित गरीब मरीजों के लिए बने सेवाश्रम की तस्वीर शेयर की ।
पप्पू यादव ने कहा ये मेरे लिए बहुत पीड़ादायक है कि कल दिल्ली में सेवाश्रम में रह रहे सभी मरीजों का आशियाना छीन जाएगा। इसे मैंने और रंजीत रंजन जी ने बड़े जतन से बनाया था, जहां बिहार समेत पूरे देश के गरीब और जरूरतमंद लोग आसरा पाते थे। दिल्ली में मेरी हर सुबह और शाम सेवाश्रम में रह रहे मरीजों और उनके परिजनों के साथ गुजरती थी, लेकिन कल से यह सम्भव हो नहीं सकेगा।
क्योंकि हमें सरकार की ओर से अर्जेंट नोटिस के तहत यह जगह खाली करना पड़ रहा है। इसके लिए आज मैं शाम में भागा – भागा दिल्ली आया हूँ। बहुत कम समय में 100 से अधिक मरीजों के लिए जगह तलाशना आसान नहीं है। जब मैंने यहां रह रहे लोगों से सेवाश्रम खाली करने की बात से अवगत कराया तो सभी मायूस हो गए, लेकिन उससे ज्यादा गहरा दुख मुझे हो रहा है। मैं ये बता नहीं सकता कि सेवाश्रम का बिखरना कितना मुश्किल है। अभी तो अब सेवाश्रम खाली करना ही होगा, लेकिन आपका भाई – बेटा – सेवक आपसे वादा करता है कि आपके लिए सेवाश्रम फिर स्थापित करेगा, बस वक़्त चाहिए। सेवाश्रम में रहे लोगों को अभी तक हमारी सेवा औऱ समर्पण में अगर कोई शिकायत रही हो, तो मैं हाथ जोड़ कर आपसे क्षमा मांगता हूं।
सेवाश्रम, आपका था। मैं तो बस सेवक की तरह रंजीत रंजन जी के साथ मिलकर हर वक़्त आपकी सेवा में लगा रहा। आज मेरे खुद के लिए भी कोई आशियाना नहीं है। यह दोनों मेरे लिए आज सबसे ज्यादा जरूरी है। दोनों मेरी जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण है। अब मुझे अपने लिए भी छत तलाश करनी है और सेवाश्रम के लिए। फिलहाल कल से हम और सेवाश्रम में रह रहे मरीज व उनके परिजन दरबदर हो जाएंगे।
दिल्ली में गरीब मरीजों के लिए जीवनदायी बना सांसद पप्पू यादव का सेवाश्रम
एम्स में डॉक्टर से दिखाना हो, भर्ती करना हो या किसी अन्य डॉक्टर से दिखाना हो, हर जरूरत के लिए साथी पूरा सहयोग करते हैं। जरूरत मंद मरीजों की आर्थिक मदद भी की जाती है। बीती देर रात तक हम मरीजों और उनके परिजनों के साथ बातचीत करते रहे और उनके चिकित्सा संबंधी जरूरतों की जानकारी ली। सेवाश्रम के मरीज हमारे लिए भगवान हैं और उनकी सेवा ही हमारा धर्म है
वर्ष 2009 में कुछ कानूनी अड़चनों की वजह से वे चुनाव नहीं लड़ पाये पप्पू यादव को पांच साल बाद जनता ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जोरदार जीत दिलायी। आनंद मार्ग के विचारों को अपने जीवन का दर्शन मानने वाले सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की चर्चा उनके बेबाक, बेलौस अंदाज के कारण भी की जाती है। वे भारत ही नहीं दुनिया भर की कई स्वयंसेवी व सामाजिक संस्थाओं के जरिये गरीबों, पीड़ितों, शोषितों और रोगियों की भलाई में दिन रात कार्यरत हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने नयी दिल्ली के बलवंत राय मेहता लेन स्थित अपनी सरकारी कोठी को जिस तरह देश भर से इलाज के लिये राजधानी आने वाले परेशान हाल लोगों के लिये पनाहगार बना रखा है वो मानवता का एक अनूठा उदाहरण है। वहां लोगो को एम्स आदि अस्पतालों में इलाज के लिये मदद के साथ-साथ रहने और खाने की मुफ्त व्यवस्था वे खुद अपनी देख-रेख में करवाते हैं।
पप्पू यादव के पास पटना और दिल्ली में रोजाना मदद के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या सैकड़ों में होती है। एक लंबे संघर्ष के बाद राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले पप्पू यादव पांचवी बार सांसद बने हैं। इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि बड़े किसान परिवार की रही है। पप्पू यादव लगातार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने इसके कई बार वह सड़क पर भी उतरे। उनका मानना है कि किसी भी तरह की स्वास्थ्य जांच/ स्वास्थ्य सेवा की कीमत चाहे प्राइवेट हो या सरकारी सिर्फ सरकार ही तय करे, जिससे सबको वाजिब दर पर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवा भी मिल सके। इनकी छवि एक मजबूत, लोकप्रिय और मददगार राजनेता की है जो जाति, धर्म, पार्टी, क्षेत्र से इतर जनता के लिये हर वक्त उपलब्ध रहते हैं। अपने मददगार स्वभाव के चलते वे कइयों के जीवन में बदलाव लाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।