कोरोना की जंग में सरकार ये कहकर भले ही अपना पीठ थपथपा ले कि उन्होहने देश में सांतवा स्थानन पाया है लेकिन हकीकत इस सबसे कही अधिक भयावह है । हालात ये है कि लोग कोरेंनटाइन सेंटर से बिना बताएं अपने घरों को चले जा रहे हैं ।
बता दें कि बिहार में कोरोना वायरस की जांच को लेकर धीमी रफ्तार के आरोपों के बाद अब नीतीश सरकार की तरफ से आंकड़ा जारी करते हुए इन बातों को खारिज किया गया है। बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने एक आंकड़ा जारी किया है जिसके मुताबिक बिहार कोरोना टेस्ट कराने के मामले में देश के अंदर सातवें पायदान पर है। देश में सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट महाराष्ट्र में कराए गए हैं, लेकिन वहां इंफेक्शन का लेवल भी बढ़ा हुआ है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का पहला मामला 9 मार्च को सामने आया था और वहां 8 अप्रैल तक 26,888 सैंपल टेस्ट कराए जा चुके हैं।
लेकिन पप्पू यादव ने सबूत के साथ नीतीश कुमार की पोल खोल दी है । पप्पू यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ट्वीट करके भी ये बात बताई है ।
पप्पू यादव ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा है –
बिहार में औसतन दस लाख लोगों में 3.9 लोगों का टेस्ट हुआ है। आबादी का महज़ 0.000004 हिस्सा का करोना जांच हो पाया है। मुख्यमंत्री @NitishKumar जी स्थिति की गंभीरता समझें, अपनी पीठ थपथपाने के बजाय आम लोगों की जिंदगी बचाने को प्राथमिकता दीजिए।
बिहार में औसतन दस लाख लोगों में 3.9 लोगों का टेस्ट हुआ है। आबादी का महज़ 0.000004 हिस्सा का करोना जांच हो पाया है।
मुख्यमंत्री @NitishKumar जी स्थिति की गंभीरता समझें, अपनी पीठ थपथपाने के बजाय आम लोगों की जिंदगी बचाने को प्राथमिकता दीजिए।
— Sewak Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) April 9, 2020
एक इंटरव्यू में उन्होने सबूत भी साझा किया है । उन्होने बताया कि सरकार अपना पीठ भले ही थपथपा लें लेकिन हकीकत कोसो दूर हैं ।
ज्ञात हो कि पप्पू यादव लगातार से कोरोना को लेकर काम कर रहे हैं । उन्होने अपने साथियों के साथ पप्पू बिग्रेड और पप्पूं सेवा दल की स्थापना की है ताकि जरूरतमंदों को मदद पहुँचा सके । उनके इस मुहिम में देश के कोने-कोने से सहयोग मिलना शुरू हो गया है । खुद पप्पू यादव भी दिल्ली में रोज सैकड़ो लोगों की मदद कर रहे हैं ।