नीतीश सरकार ने कोरोना संकट के बीच राज्य के बाहर खाते बिहारियों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद अधिकारियों को यह निर्देश दिया था कि राज्य के बाहर फंसे बिहारियों को उनके खाते में एक हजार रुपये की राशि दी जाये। आपदा प्रबंधन विभाग ने इसके लिए एक ऐप भी लॉन्च किया। शुरुआती दिनों में इसको लेकर ही समस्या नजर आई और अब कोरोना संकट के बीच राहत दिए जाने में बड़ी गड़बड़ी की शिकायत आ रही है।
माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar जी, यह आर्थिक अनियमितता का गंभीर मामला है। ज़रूरतमंदो के खाते में नाममात्र की आर्थिक मदद Transfer भी नहीं हुई है लेकिन SMS पहुँच गया है। कृपया जाँच और आवश्यक कारवाई की जाए। महामारी के दौर में ऐसा आर्थिक अपराध करने वालों को कड़ी सजा दी जाए। https://t.co/DvGMEl3rzl
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 9, 2020
इस पूरे घालमेल के सामने आने के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार को घेर लिया है। आरजेडी ने आरोप लगाया है कि बिहार के 95 फ़ीसदी गांवों में कोई सरकारी मदद नहीं पहुंची है। बिहारियों के अकाउंट में सरकारी राहत के तौर पर पैसे मिलने के दावे खोखले हैं। आरजेडी का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोगों ने शिकायत की है जिनके पास मैसेज तो आया पर पैसे क्रेडिट नहीं हुए।
इस मामले को लेकर अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल पूछा है तेजस्वी यादव ने कहा है कि कोरोना संकट के बीच राहत की राशि में गड़बड़ी आर्थिक अनियमितता का गंभीर मामला है। जरूरतमंदों के खाते में नाम मात्र की आर्थिक मदद ट्रांसफर भी नहीं हुई, लेकिन एसएमएस पहुंच गया। तेजस्वी यादव ने इस पूरे मामले की जांच कर जरूरी कार्यवाही करने की मांग की है।
इनपुट – फर्स्ट बिहार