राजस्थान में जयपुर पुलिस ने शहर के रामगंज इलाके की एक मस्जिद से 12 लोगों को पकड़ा है। ये सभी तबलीगी जमात से जुड़े हैं। सभी कर्नाटक के रहने वाले हैं। दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए आयोजन के बाद ये जयपुर आए थे। पुलिस और प्रशासन लगातार तबलीगी जमातियों से छिपने के बजाय आगे बढ़कर अपनी जांच कराने का आग्रह कर रहे हैं। ये सभी लोग मस्जिद के बाहर से ताला लगवाकर अंदर रह रहे थे। एक स्थानीय मौलवी ने इन्हे यहां रखा था।
पुलिस प्रशासन को मंगलवार को इस बारे में सूचना मिली तो कार्रवाई कर इन्हें बाहर निकाला गया। इन सभी की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। पुलिस इनसे पूछताछ करेगी कि कहीं इनके साथी अन्य किसी और जगह तो नहीं रह रहे हैं। प्रदेश में 538 तब्लीगी जमातियों के आने की सूचना इंटेलिजेंस को मिली थी। इनमें से अधिकांश की पहचान कर ली गई है।
प्रदेश में राजसमंद जिले के देलवाड़ा में कासिम अली बाबा की दरगाह में मंगलवार को 13 लोगों को पकड़ा गया है। इनकी स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराई गई है। जुकाम और खांसी की शिकायत पर इन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। पुलिस ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 144 और 188 के तहत मामला दर्ज किया है । इनमें पांच नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों की कोशिशें पर तब्लीगी मरकज ने पानी फेर दिया। माना जा रहा था कि लॉकडाउन से देश में कोरोना संक्रमित लोगों में कमी आएगी लेकिन यह नहीं हो सका। देश के 17 राज्यों में कोरोना मामलों में पिछले एक सप्ताह के दौरान इजाफा हुआ है, इनमें 30 फीसद लोग जमात से जुड़े हुए हैं। यानी नए मामलों में 100 से 30 लोग जमाती हैं।
दुनिया के कई देशों में कोराना का संक्रमण की खबर मिलते ही मौलाना साद के करीबियों के साथ बुजुर्ग और अनुभवी मौलवियों ने मार्च महीने में होने वाली तबलीगी मरकज जमात को स्थगित करने की सलाह दी थी। सलाह देने वालों में कई वरिष्ठ मुस्लिम बुद्धिजीवी भी थे, लेकिन मौलाना साद ने अपनी जिद के आगे किसी की नहीं सुनी। इसके बाद मार्च में हजारों की संख्या में हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में कई हजार जमाती शामिल हुए। फिर यहां से निकल देश के विभिन्न राज्यों में गए। इस दौरान उनके से कई कोरोना वायरस की चपेट में भी थे। इनकी इस करतूत ने देशभर के लोगों को नई मुसीबत में डाल दिया है।