अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप। उन्होंने कहा है कि अगर भारत हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन दवा अमेरिका को नहीं देता है, तो बदला लिया जा सकता है। दरअसल, ये दवा मलेरिया होने पर इस्तेमाल होती है। लेकिन कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी COVID-19 के इलाज के लिए भी इसे एक ऑप्शन माना जा रहा है। डॉनल्ड ट्रंप इस दवा को ‘गेम चेंजर’ के नजरिए से देख रहे हैं। वहीं कोरोना के बढ़ते खतरे के कारण भारत ने इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगा रखी है।
पीएम मोदी से फोन पर बात
दो दिन पहले ही डॉनल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी। इसी दौरान उन्होंने पीएम मोदी से हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन दवा की रिक्वेस्ट की थी। फोन पर हुई इसी बातचीत को लेकर 6 अप्रैल को ट्रंप ने कहा कि अगर भारत ये दवा अमेरिका को नहीं देता है, तो उन्हें हैरानी होगी, क्योंकि दोनों देशों के संबंध काफी अच्छे हैं।
ट्रंप ने आगे कहा,
‘मुझे ये फैसला पसंद नहीं आया। मैंने ये नहीं सुना कि ये उनका (मोदी) का फैसला है। मैं जानता हूं कि उन्होंने बाकी देशों के लिए इस दवा पर बैन लगा दिया है। मैंने उनसे बात की। बहुत अच्छी बातचीत रही और हम देखेंगे कि वो क्या करते हैं… कई साल से, उन्होंने व्यापार में यूनाइटेड स्टेट्स का फायदा उठाया है। इसलिए मुझे हैरानी होगी अगर ये उनका (मोदी) का फैसला होगा। मैंने रविवार सुबह उन्हें कॉल किया, कहा कि हमें अच्छा लगेगा अगर आप दवा को यहां आने देंगे तो। अगर वो दवा को अमेरिका नहीं भेजते हैं, तो कोई बात नहीं, लेकिन जाहिर सी बात है कि बदला लिया जा सकता है। क्यों नहीं होगा बदला?’
I spoke to him (PM Modi), Sunday morning & I said we appreciate it that you are allowing our supply (of Hydroxychloroquine) to come out, if he doesn’t allow it to come out, that would be okay, but of course, there may be retaliation, why wouldn’t there be?: US Pres Donald Trump pic।twitter।com/kntAqATp4J
— ANI (@ANI) April 6, 2020
भारत ने 24 दवाओं से बैन हटाया
इस बीच ये खबर भी आई कि भारत ने 24 दवा सामग्री और उनके फॉर्मुलेशन के एक्सपोर्ट पर से बैन हटा दिया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने एक बयान के जरिए इस बात की जानकारी दी। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत ने 3 मार्च को 26 सामग्री और दवाओं के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था, ताकि घरेलू स्तर पर इनकी कमी न हो। इन दवाओं में पैरासिटामॉल और उसके फॉर्मुलेशन भी शामिल थे।
Central Government has removed restrictions on the export of 12 Active Pharmaceutical Ingredients (APIs) and 12 formulations made from these APIs, with immediate effect: Directorate General of Foreign Trade, Ministry of Commerce and Industry pic।twitter।com/cVRSBm0K0P
— ANI (@ANI) April 6, 2020
हालांकि, ये नहीं साफ है कि किस वजह से बैन हटाया गया, लेकिन सरकार के सूत्रों के मुताबिक, यूएस की तरफ से दिया जा रहा प्रेशर एक कारण है। इसके अलावा भारत सरकार ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन के एक्सपोर्ट पर लगे बैन को आंशिक तौर पर हटाने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक, सरकार के सूत्रों ने कहा है कि एक्सपोर्ट पर बैन नहीं होगा, लेकिन कुछ प्रतिबंध जरूर होंगे। ये प्रतिबंध घरेलू ज़रूरत पूरी होने के बाद हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन और पेरासिटामॉल के स्टॉक की उपलब्धता पर निर्भर होगा।
इनपुट – दलल्लपनटॉप