कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से आई आपदा को देखते हुए बिहार सरकार (Government of Bihar) ने काफी इंतजाम किया है। किसी को कोई परेशानी ना इसको लेकर अपने सरकारी स्तर पर कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। बिहार सरकार ने इस वैश्विक आपदा के मद्देनजर अपनी तैयारी में उन लोगों के लिए रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की है। जिनको कहीं आवास नहीं है और जिनके रोज खाने पीने में इक्कत होती है। राजधानी पटना में हजारों ऐसे लोग हैं जो सिर्फ दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए यहां आते हैं। रोज कमाते हैं तो खाते हैं। उनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं होता है। ऐसे लोगों के लिए जो लोग पटना में रहकर दिहाड़ी करते हैं, जिनका पटना में कोई आवास नही है उनके लिए राजधानी में सामुदायिक भोजन (Community Kitchen) और रहने की व्यवस्था की गई है ताकि वो कोरोना महामारी के इस काल में पटना में ही रहें, कहीं जाए नहीं।
पटना में खाने और रहने की व्यवस्था
कोरोना वायरस को लेकर 21 दिन के लिए हुए लॉक डाउन के कारण कई लोगों की कमाई ठप्प पड़ गई है। उनको खाने और रहने में परेशानी होने लगी है, इसको लेकर पटना में कम्युनिटी किचन बनाया गया है। इन कम्युनिटी किचेन में खाने-पीने के साथ-साथ रहने की भी व्यवस्था की गई है। कम्युनिटी किचन को पूरी तरह से सेनेटाइज किया गया है और रहने के कमरे को भी सेनेटाइज कर रहने लायक बनाया गया है।
पटना हाई स्कूल में बनाया गया कम्युनिटी किचेन
पटना का पहला कम्युनिटी किचन पटना हाई स्कूल में बनाया गया है। पटना हाई स्कूल में 25 कमरे हैं। एक कमरे में चार लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया है। इस व्यवस्था के जरिए रहने वाले लोगों को उनके कमरे में ही खाना देने की व्यवस्था की गई है ।साथ ही जो बाहर के लोग हैं ।जिनको खाने-पीने की दिक्कत है वह भी इस किचन में आकर भोजन कर सकते हैं ।
पटना में कम्युनिटी किचेन चार जगहों पर
3 दिन से चल रहे इस कम्युनिटी किचन में प्रतिदिन 300 से 350 लोग खाना खा रहे हैं। पटना हाई स्कूल के अलावा पटना में मिलर हाई स्कूल, बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल और कॉमर्स कॉलेज को कम्युनिटी किचन के रूप में तब्दील किया गया है। सभी कम्युनिटी किचन बिहार सरकार अपने पदाधिकारियों को तैनात किया है ।ताकि किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो ।
जो रहना चाहते है वो रहें नहीं तो खा कर भी जा सकते हैं
पटना हाई स्कूल में सदर ब्लॉक विकास पदाधिकारी रंजीत कुमार वर्मा बताते हैं यहां रोज तकरीबन 350 लोग भोजन करते हैं। 25 कमरों को सेनेटाइज कर के रहने लायक बनाया गया है । प्रत्येक कमरे में चार चार लोग रहते हैं। जो यहां रहना चाहता है उनको रखा जा रहा है और जो भोजन करके जाना चाहते हैं उनको भोजन दिया जा रहा है। साथ ही यहां भोजन पैक करके उन लोगों तक भोजन पहुंचाया जा रहा है जिनको खाने पीने में दिक्कत हो रही है।