कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी किया है। वहीं राज्य सरकारों के द्वारा भी अपने अपने हिसाब से गाइडलाइन जारी किए गए हैं।
यहां तक कि जहां भी कोरोना संदिग्ध मरीज मिले हैं उन राज्यों में पहले से ही स्कूल कॉलेज मॉल और सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगा दी गई है।इसी के तहत महाराष्ट्र में 16 दुकानदारों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज किया गया है।
16 दुकानदारों के खिलाफ कर दिया गया मुकदमा दर्ज
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार के द्वारा लगातार इस वायरस से बचाव हेतु कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक देश भर में कोरोना के सबसे ज्यादा पॉजिटिव मरीज महाराष्ट्र में ही मिले है। उसमें भी पुणे शहर इस मामले में सबसे आगे है।
राज्य सरकार ने इस वायरस से बचाव को लेकर प्रदेश में बड़े मॉल, सिनेमाघर, रेस्टोरेंट को बंद रखने का आदेश जारी किया है। वहीं सरकार इसे सख्ती से लागू कराने में भी जुटी है।
इधर सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के खिलाफ जाते हुए पुणे में 16 दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोल रखी थी। इसे देखते हुए पुणे जिला प्रशासन ने 16 दुकानदारों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर लिया है। इन दुकानदारों पर यह आरोप है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए उन्हें प्रशासन ने दुकान बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बावजूद इन लोगों ने दुकानें खुली रखी।
बताया गया है कि पुलिस ने दुकानदारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
छह माह की हो सकती है जेल
महामारी से बचने के लिए पुणे और प्रीति की तरफ से दुकान बंद करने के आदेश के बावजूद दुकान खुली रखने वाले दुकानदारों पर एफ आई आर दर्ज किया गया है। अगर यह आरोप सिद्ध हुआ तो दुकानदारों को 6 महीने की जेल की सजा और एक हजार रुपए जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है।
गौरतलब है कि पुणे पुलिस ने 122 पुलिसकर्मियों की एक टीम गठित की है जिसके द्वारा कमर्शियल एक्टिविटी पर नजर रखी जा रही है।