स्मार्ट सिटी की दौड़ में बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर पिछड़ गई है। शहरी विकास मंत्रालय के स्मार्ट सिटी मिशन की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट में पटना स्मार्ट सिटी को 100 शहरों में 33वां रैंक मिला है। पिछले साल पटना का रैंक 29वां और 2018 में 22वां था। पटना स्मार्ट सिटी को कुल 42.89 स्कोर मिला है। पिछले साल से 4 पायदान लुढ़का है पटना।
वहीं स्मार्ट सिटी में टॉप पर आगरा है, जिसे 73.17 स्कोर मिला है, जबकि दूसरे नंबर पर अहमदाबाद, जबकि तीसरे नंबर पर कानपुर है। भागलपुर को 71वां, बिहारशरीफ को 73वां और मुजफ्फरपुर को 96वां रैंक मिला है।
प्रोजेक्ट इम्लीटेशन रैंक के मामले में पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड को 22.74 स्कोर मिला है, जबकि फंड ट्रांसफर रैंक में 14 स्कोर मिला है। फंड यूटिलाइजेशन में पटना स्मार्ट सिटी मात्र 6.15 स्कोर ही हासिल कर सका है।
काम पूरा होने व कार्यादेश जारी होने पर स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में सर्वाधिक 24 और 16 नंबर मिलते हैं, लेकिन बिहार के चारों शहरों को ये नंबर नसीब ही नहीं हुए। कहीं कोई काम पूरा नहीं हुआ।
पहले तो गलत प्रोजेक्ट का चयन, फिर एनओसी में देरी और एक ही काम के टेंडर-दर-टेंडर के बावजूद ठेकेदारों की दूरी ने सारा चौपट कर दिया। काम जिनके नेतृत्व-निर्देशन में होना है, वह भी बदलते रहे।