दलितों, पिछडो़ं, मुसलमानों की पार्टी के रूप में ‘बदनाम’ राजद के टिकट पर भूमिहार बिरादरी के बडे़ कारोबरी अमरेंद्रधारी सिंह उर्फ एडी सिंह राज्यसभा जा रहे हैं। भूमिहारों की कथित विरोधी कही जाने वाली लालू की पार्टी RJD के टिकट पर भूमिहार जाति के एक बडे़ कारोबारी को राज्यसभा भेजने के फैसले को मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
13 देशों में फर्टिलाइजर और केमिकल के इंपोर्ट का बिजनेस
अमरेंद्रधारी सिंह पटना जिले के विक्रम के रहने वाले हैं और अहमद पटेल के काफी करीबी माने जाते हैं. वो एक बड़े व्यवसायी और जमींदार है. पाटलिपुत्र कॉलोनी में उनका बड़ा आलीशान घर है. पटना के पालीगंज के अंइखन गांव में एक हजार बीघा जमीन के मालिक हैं. 55 साल के अमरेंद्रधारी सिंह ने अब तक शादी नहीं की है. उनका रियल एस्टेट समेत 13 देशों में फर्टिलाइजर और केमिकल के इंपोर्ट का बिजनेस है.
दिल्ली के गोल्फ क्लब के भी सदस्य हैं अमरेंद्रधारी सिंह
इसके साथ ही अमरेंद्रधारी सिंह दिल्ली के गोल्फ क्लब के भी सदस्य हैं. इस क्लब में बिहार के सिर्फ तीन सदस्य हैं-किंग महेंद्र, रविशंकर प्रसाद और अमरेंद्रधारी सिंह. अमरेंद्रधारी सिंह ने पटना के सेंट माइकल स्कूल से पढ़ाई की है. बताया गया है कि वे दिल्ली में गरीबों के लिए 200 बेड का अस्पताल बनवा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक वे लालू यादव के पुराने जानने वाले हैं.
अमरेंद्रधारी सिंह को आरजेडी के कई नेता भी नहीं जानते
राज्यसभा चुनाव के लिए अमरेंद्रधारी सिंह का नाम सभी के लिए चौंकाने वाला है. इस नाम को आरजेडी के कई नेता भी नहीं जानते हैं. जगदानंद सिंह ने आरजेडी कार्यालय पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमरेंद्रधारी सिंह का नाम लेते हुए उनके बारे में बताया कि वो समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, साथ ही आरजेडी से जुड़े हुए हैं.
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने एक तीर से दो शिकार किया है
बताया जा रहा है कि अमरेंद्रधारी के नाम का ऐलान कर लालू यादव ने एक तीर से दो शिकार किया है. पहला पार्टी से बिदक गये अगड़े वोटर्स को साधने की कोशिश की है और दूसरा कांग्रेस से अगड़ी जाति की राजनीति करने का तमगा छीनने की कोशिश की है. गौरतलब है कि ब्राह्मण जाति से आने वाले मनोज झा पहले से ही राजयसभा के सदस्य हैं. राजपूत समुदाय से आने वाले जगतानन्द सिंह आरजेडी के प्रदेश अध्य्क्ष हैं और अमेरेंद्रधारी सिंह भूमिहार समुदाय से आते हैं.
ब्राह्मण-भूमिहार समाज के दबाव में घुटनों पर आयी बीजेपी ने डा सीपी ठाकुर की जगह उनके बेटे को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है। पिछले दिनों सतीशचंद्र दुबे को बीजेपी ने राज्यसभा भेजा है। लोकसभा चुनाव के दौरान ठाकुर और दुबे ने पार्टी को बागी तेवर दिखाये थे। बीजेपी ने पिछली बार ब्राह्मण और इस बार भूमिहार को टिकट देकर ब्राह्मण-भूमिहार समाज को खुश करने की कोशिश की है। ऐसे में राजद की ओर से अमरेंद्रधारी सिंह को राज्यसभा भेजने के फैसले को लालू का ‘मास्टर स्ट्रोक’ कहना गलत नहीं कहा जा सकता है।