बिहार के हड़ताली नियोजित स्कूल शिक्षकों (Striking Contract Teachers) को राज्य सरकार (State Government) लगातार आश्वासन दे रही है, लेकिन शिक्षक हैं कि मानने को तैयार नहीं दिख रहे। हालांकि, शुक्रवार को शिक्षक सरकार से वार्ता कर सकते हैं। इस बीच सरकार शिक्षकों को होली गिफ्ट (Holi Gift) में सेवा शर्त का लाभ देने जा रही है। साथ ही 20 फीसद वेतन वृद्धि (Salary Hike) व कर्मचारी भविष्यनिधि (EPF) के लाभ मिलेंगे। सरकार उन्हें एच्छिक स्थानांतरण का लाभ भी देने जा रही है। सरकार ने वेतनमान छोड़ हड़ताली शिक्षकों की सभी मांगें मान ली है।
इस बीच बिहार के प्रधान सचिव आरके महाजन तथा बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक ब्रजनंदन शर्मा एवं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के केदारनाथ पांडेय के बीच शुक्रवार को वार्ता की उम्मीद है। शिक्षक संघ व सरकार की बातचीत सफल हुई तो पौने चार लाख शिक्षक काम पर लौट सकते हैं।
शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में कही ये बात
इसके पहले शिक्षा मंत्री (Education Minister) कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा (Krishna Nandan Prasad Verma) ने गुरुवार को विधानसभा (Assembly) में कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों की विरोधी नहीं है। वे हड़ताल से वापस लौटें। सरकार ने नियोजित शिक्षकों के बारे में पहले भी सोचा है और आगे भी सोंचेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान सेवा शर्तोंं के बारे में आगे क्या कर सकते हैैं, इस पर विचार किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के बजट अनुदान मांग पर हुई चर्चा के बाद सरकार का जवाब देने के क्रम में शिक्षा मंत्री ने ये बातें कहीं। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Dy. CM Sushil Kumar Modi) भी सदन में मौजूद थे। इसके पहले मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री भी कह चुके हैं कि सरकार उनके वेतन में बढ़ोतरी करेगी।
काम पर लौटें शिक्षक, सरकार उनकी हितैषी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम सचमुच में इन शिक्षकों के प्रति सम्मान रखते हैं। राज्य सरकार उनकी हितैषी है। पर इंटरमीडिएट (Intermediate) और मैट्रिक (Matric) की परीक्षा व वीक्षण कार्य के समय हुई यह हड़ताल गलत है। शिक्षक अपना मन बच्चों की पढ़ाई में लगाएं, कठोर निर्णय नहीं लें।
शिक्षकों के किसी अधिकार का हनन नहीं
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों द्वारा ‘समान काम-समान वेतन’ (Equal Pay for equal work) की मांग की जा रही है। जबकि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मांग के विरुद्ध अपना फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सरकार के लिए नियमन है। इसके बावजूद सरकार नियोजित शिक्षकों के किसी भी अधिकार का हनन नहीं कर रही है। वर्ष 2005 में शिक्षकों को चार से पांच हजार रुपए तक मिलते थे, अब 29000 रुपये से अधिक मिल रहे हैं। उन्हें राज्यकर्मियों को देय मंहगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता और वार्षिक भत्ता भी मिल रहा है। सातवें वेतनमान की अनुशंसा के तहत 2.5 फीसद की वेतनवृद्धि भी हुई है। इसलिए वे हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें।
सरकार नियोजित शिक्षकों को सेवा शर्तें देने को तैयार
शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्तें तैयार कर ली है। सरकार 20 फीसद वेतनमान के बदले वेतन वृद्धि देने को तैयार है। साथ ही शिक्षकों को कर्मचारी भविष्यनिधि का लाभ भी मिलेगा। सरकार उन्हें एच्छिक स्थानांतरण का लाभ भी देने जा रही है। इसके लिए सरकार शुक्रवार को शिक्षक संघ से बातचीत करने जा रही है।
वार्ता सफल हुई तो काम पर लौट सकते हड़ताली शिक्षक
दरअसल, सरकार हड़ताली शिक्षकों के वेतनमान की मांग को छोड़कर अन्य सभी मांगों को मानने को तैयार हो गई है। लेकिन हड़ताली शिक्षक वेतनमान की मांग पर अड़े हुए हैं। हालांकि, वे सरकार से वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। अगर आज पूर्व निर्धारित वार्ता सफल हुई तो राज्य के पौने चार लाख हड़ातली नियोजित शिक्षक काम पर लौट सकते हैं।