बिहार में अब तक 121 संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई है। इनमें 26 मरीजों ने 14 दिनों की ऑब्जर्वेशन अवधि को पूरा कर लिया है, इसलिए इन पर से सर्विलांस हटा दिया गया है। वहीं, अन्य संदिग्ध मरीजों को होम सर्विलांस पर रखकर निगरानी की जा रही है। इन मरीजों को सार्वजनिक स्थलों पर जाने से मना किया जा रहा हैं।
बिहार में नोवेल कोराना वायरस के खतरों को देखते हुए नेपाल से सटे बिहार के सभी सात प्रवेश द्वारों पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर सभी संदिग्ध मरीजों की जांच की जा रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के तीन मरीजों की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है।
बिहार में अब तक एक भी कोरोना वायरस के मरीज नहीं पाए गए हैं, बावजूद सभी संदिग्ध मरीजों की निगरानी की जा रही है। राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में संदिग्ध मरीजों को सर्विलांस पर रखने के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाए गए है। वहीं, जिला अस्पतालों में भी कोरोना के संदिग्ध मरीजों को लेकर पांच बेड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है। सर्दी, खांसी व कफ के इलाज को लेकर आवश्यक दवाएं भी मुहैया करायी गई हैं। इसके अतिरिक्त अस्पताल के डॉक्टरों एवं कर्मियों के लिए स्पेशल किट के इंतजाम की गई हैं। मरीजों को मास्क भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है।
बिहार में 121 संदिग्ध मरीजों की हुई है पहचान
बिहार में अब तक 121 संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई है। इनमें 26 मरीजों ने 14 दिनों की ऑब्जर्वेशन अवधि को पूरा कर लिया है, इसलिए इन पर से सर्विलांस हटा दिया गया है। वहीं, अन्य संदिग्ध मरीजों को होम सर्विलांस पर रखकर निगरानी की जा रही है। इन मरीजों को सार्वजनिक स्थलों पर जाने से मना किया जा रहा हैं।
दो अलग-अलग शीर्ष स्तर की बैठकें हुईं बिहार में मुख्य सचिव दीपक कुमार के स्तर पर कोरोना वायरस की नियमित निगरानी की जाएगी। इसके लिए मुख्य सचिव की ओर से सभी जिलों के स्थानीय प्रशासन के साथ नियमित बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। मंगलवार को कोरोना वायरस को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दो अलग-अलग शीर्ष स्तर की बैठकें हुईं। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार एवं स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ. रागिनी मिश्र ने भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव व अन्य संबंधित मंत्रालयों के साथ बैठक की। शाम में मुख्य सचिव दीपक कुमार व प्रधान सचिव संजय कुमार व स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ. रागिनी मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भारत सरकार के कैबिनेट सचिव व राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक की। इसमें देश में कोरोना वायरस के मरीज की पुष्टि होने के बाद इसके संचारित होने से जुड़े खतरों व बचाव पर विचार-विमर्श किया गया।
एयरपोर्ट पर रखी जा रही नजर
कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की पहचान के लिए पटना और बोधगया एयरपोर्ट पर विशेष नजर रखी जा रही है। इन दोनों एयरपोर्ट पर अब तक 16 हजार से अधिक यात्रियों की जांच की गयी है। हालांकि इनमें एक भी यात्री में कोरोना के संदिग्ध लक्षण नहीं पाए गए है। वहीं, विदेशों से वाया कोलकाता एयरपोर्ट से आने वाले मरीजों के बारे में भी जानकारी रखी जा रही है।