बिहार की वित्तीय बजट साल 2020-21 के लिये पास हो गया । एनआरसी और एनपीआर पर हो हंगामे के बीच पास बजट असरदार रहा । शिक्षा और ग्रामीण विकास पर सबसे अधिक खर्च का प्रावधान इस बजट में किया गया है । ग्रामिण शिक्षा और जल, जंगल हरियाली पर जोड़ है । 31 मार्च तक हर-घर तक पेयजल पहुँचाने का लक्ष्य रखा है ।
बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को सदन में वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश कर दिया। वित्त मंत्री सुशील मोदी 13वीं बार बजट पेश किया। डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बजट पेश करते हुए कहा कि बिहार में ‘जल जीवन हरियाली’ का सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 का बजट अनुमान 2 लाख 11 हजार 761 करोड़ है। उन्होंने बताया कि राज्य को 34,750 करोड़ के कर का अनुमान है।
सुशील मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है। इसका असर भारत पर भी पड़ने की आशंका है। इसके बावजूद बिहार ने 2019-20 में 15।01 विकास दर हासिल किया है। लगातार तीन सालों तक भारत ने सबसे ज्यादा विकास दर हासिल किया। राष्ट्रीय स्तर पर बिहार में प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हुआ है। बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने एक शेर ‘हर बार चुनौतियों को ऐसे हराते हैं हम, जख्म जितना भी गहरा हो मुस्कुराते हैं हम’ पढ़कर सरकार का संकल्प दोहराया।
वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बताया कि शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। शिक्षा पर 35 हजार करोड़ खर्च करने की बात कही गयी। बताया कि IGIMS में 100 बेड का कैंसर संस्थान बनाया जाना है, इससे, यहां के बेड की संख्या बढ़कर 2732 हो जायेगी। बिहार में अब तक 141 सब ग्रिड स्टेशन हैं। 1।36 लाख किसानों को 75 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है। राज्य में 73 हजार 221 किमी जर्जर बिजली तार बदले गये। जबकि, 2 लाख आंगनबाड़ी महिलाओं को स्मार्ट फोन दिये गये।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2005 के पहले बोर्ड और कारपोरेशन बंद हो गये थे। उन्हें हमने फिर से शुरू किया। डिप्टी सीएम ने कहा कि महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दिया जायेगा। पटना एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढ़ी है। एक महीने के भीतर मधेपुरा में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया जायेगा। बिहार में 3519 छात्र नर्सिंग की ट्रेनिंग ले रहे हैं। कहा कि हमने जनता की सेवा में ‘परिश्रम की पराकाष्ठा’ की है। बिहार में पारदर्शिता के साथ काम किया है। बिहार को एक मुकाम तक पहुंचा दिया है।
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि एनडीए की सरकार में नरसंहारों का दौर थमा है। एनडीए की सरकार में नरसंहार की एक भी घटना नहीं हुई है। 58 साल में एक मेडिकल कॉलेज बना, लेकिन, हमारी 15 साल की सरकार में 15 मेडिकल कॉलेज बनाये गये हैं। हमारी सरकार शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने जा रही है। सदन में बजट पेश करते हुए सुशील मोदी ने बताया कि कृषि रोड मैप के तहत कॉलेजों की स्थापना की गयी है। राज्य के 12 जिलों में जैविक खेती की योजना है, जबकि, 8 जिलों के 40 गांवों में वैज्ञानिक कृषि होगी।
उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2020 तक ‘हर घर नल जल योजना’ पूरी कर ली जायेगी। बताया कि 2019-20 में दो बार बाढ़ से बिहार में 33 फीसदी फसल बर्बाद हो गयी थी। सरकार ने इसके लिए तीन हजार करोड़ से ज्यादा रुपये की मदद पहुंचाई। उन्होंने बताया कि बिहार के 1।36 लाख किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। आने वाले दिनों में 8074 चेक डैम बनेगा। 14 सालों में बिहार के बजट में दस गुणा की वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य पर सरकार 10,937 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।
दक्षिण और उत्तरी बिहार में भूजल में गिरावट हो रही है। इसके लिये ‘जल जीवन हरियाली’ अभियान को चलाया गया है। हमारी सरकार में गंगा नदी पर 13 पुल बनाने का सपना साकार किया गया। कोशी नदी पर चार पुल बनाने का काम हो रहा है। सोन नदी पर अंग्रेजों के जमाने पर बने कोईलवर पुल था। लेकिन, हमारी सरकार में कोईलवर पुल के समानांतर पुल का काम पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि जैन पथ, कांवरिया पथ समेत अन्य सड़कों के लिए 202 करोड़ स्वीकृत है। इसमें 130 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर बिहार में प्रति व्यक्ति आय में इजाफा हुआ है। अब, चरवाहा विद्यालय जैसी चीजें बिहार के लिए इतिहास बन चुकी हैं। मोदी ने बजट पेश करने के दौरान एनडीए शासन की लालू शासन से तुलना करते हुए अलकतरा घोटाला का भी जिक्र किया। डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ‘जिंदगी अक्सर उन्हीं को चुनौती देती है, जिनकी औकात होती है कुछ करने की’ पंक्तियों के साथ बजट भाषण खत्म किया।