मोदी सरकार एक बार फिर अपना 56 इंच का सीना दिखाने में कामयाब हो गई है । आर्थिक विकास के दिशा में एक कदम आगे बढाते हुए सरकार ने ऑस्ट्रेलिया के साथ एक समझौता किया है । इसके तहत सौ से ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई कंपनी भारत आ रही है ।
विश्व में सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में भारत के साथ आर्थिक और निवेश संबंधी संधियों को सुदृढ़ करने की दिशा में ऑस्ट्रेलिया की कोशिशों के बीच 100 से अधिक संख्या में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां भारत आ रही हैं।
ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री, साइमन बर्मिंघम ने बताया कि इस मिशन का उद्देश्य शिक्षा, पर्यटन, स्वास्थ्य, संसाधन, मूलभूत सुविधाओं और खाद्यान्न, शराब और सौंदर्य के उत्कृष्ट उत्पादों पर फोकस के साथ ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के लिए नए दरवाजे खोलना है।
मंत्री साइमन बर्मिंघम ने कहा, ‘हम अगले 20 वर्षों तक भारत की अर्थव्यवस्था के विकास के सम्मुख और केंद्र में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों की उपस्थिति सुनिश्चित करना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था का स्वरुप तेजी से बदल रहा है। अनुमान है कि वर्ष 2035 के आते-आते यह विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इस स्थिति में विभिन्न निर्यात क्षेत्रों में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के लिए भारी संभावना दिखाई दे रही है।
भारत का महत्वाकांक्षी मध्य वर्ग भी, जिसकी संख्या ऑस्ट्रेलिया की आबादी से 12 गुना अधिक है, तेजी से बढ़ रहा है और अब समय आ गया है कि ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों को जगह पर लाया जाए ताकि वे भारतीय कंपनियों, सप्लाई चेन्स और निवेश सहयोगियों के साथ दीर्घकालीन सम्बन्ध विकसित कर सकें।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा, पर्यटन, ऊर्जा और संसाधनों, और खाद्य और कृषिजन्य व्यापार जैसे प्राथमिकता के क्षेत्रों की ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों का शिष्ट मंडल 24 से 28 के बीच नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई का दौरा करेगा। यह दौरा ऑस्ट्रेड के ऑस्ट्रेलिया-इंडिया बिजनेस एक्सचेंज, जो दोनों देश के बीच व्यापार, निवेश और पर्यटन कारोबार की आयोजनों का बहुमासिक कार्यक्रम है, का हिस्सा है।