आज हम आपको बताने जा रहे हैं शाहीन बाग के उस दबंग दादी के बारे में जिन्होने शाहीन बाग अपनी बुलंद आवाज से शाहीन बाग को गुलजार किया । शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करने में इनका जबरदस्त योगदान रहा है ।
बिहार की असमा खातून बनीं शाहीन बाग की दबंग दादी
प्रदर्शन में शामिल सबसे उम्रदराज महिला असमा खातून (Asma Khatoon) को इस बात का जरा भी अहसास नहीं था कि वो शाहीन बाग आकर दबंग दादी के नाम से मशहूर हो जाएंगी। दरअसल, दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ जारी प्रदर्शन में शामिल सबसे बुजुर्ग महिला असमा खातून 90 साल की हैं, जो बिहार की रहने वाली हैं। असमा खातून ने aajtak।in से खास बातचीत में बताया कि वो बिहार के सीतामढ़ी जिले के रायपुर इलाके की रहने वाली हैं। उनके शौहर (पति) हाजी मौलाना अब्दुल हसन अब इस दुनिया में नहीं हैं। करीब 7-8 साल पहले उनका इंतकाल हो चुका है।
पोती को देखने के लिए आईं थी दिल्ली
असमा खातून ने बताया कि दिसंबर में वो अपनी नवजात पोती को देखने के लिए दिल्ली आई थीं। इस दौरान जब जामिया इलाके में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुआ तो वो भी देखने आईं और फिर 24 घंटे जारी धरने में शामिल होने का फैसला किया। असमा खातून ने बताया कि उनके 4 बेटे और 4 बेटियां यानी कुल आठ बच्चे हैं। जिसमें से दो बेटे दिल्ली में रहते हैं, जबकि दो बिहार में रहते हैं। उनसे जब पोती-पोतों के बारे में पूछा गया तो असमा खातून ने कहा कि वो गिनकर संख्या नहीं बता सकती। उन्होंने कहा, मेरी तो उम्र गुजर गई है, अपनी नई नस्लों को देश से संविधान के खिलाफ बने कानून के कठघरे में नहीं फंसने देना चाहती। सरकार को धर्म के आधार पर बना कानून वापस लेना चाहिए।