दो महिने से चल रहे प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना बयान दे ही दिया । लोगों ने सड़क खुलवाने के लिये कोर्ट में अपील की थी । मांग की गई थी कि दो महीने से बंद रास्ता खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट आदेश दे। 17 फरवरी, सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर किसी की मांग जायज है, तो भी कोई रास्ता कैसे बंद कर सकता है? अदालत ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किया है।
जस्टिस संजय कौशल और जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच ने मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
‘हमारी चिंता सीमित है। हर कोई सड़क पर उतरने लगा, तो क्या होगा? लोकतंत्र तो हर किसी के लिए है। आप प्रदर्शन करें। अगर आपकी मांग जायज है, तो आप रास्ता कैसे बंद कर सकते हैं? दिल्ली में हमारी चिंता ट्रैफिक को लेकर है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हलफनामा दायर करने को कहा है। अदालत ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार से प्रदर्शनकारियों को हटाने के ऑप्शन पर चर्चा करने और उनसे बात करने को कहा है।
Supreme Court asks who can be appointed to go to persuade/talk to Citizenship Amendment Act protesters from Shaheen Bagh. Names of Senior Advocate Sanjay Hegde and Sadhana Ramachandran, came up during the hearing for being appointed as an interlocutor to talk to the protesters. https://t.co/wgbHnVif4w
— ANI (@ANI) February 17, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले 64 दिन से प्रदर्शन जारी है, लेकिन आप उन्हें हटा नहीं पाए। अब बातचीत से हल नहीं निकलता है, तो हम अथॉरिटी को एक्शन के लिए खुली छूट देंगे।
अदालत ने नियुक्त किया वार्ताकार
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए अदालत ने वार्ताकार नियुक्त किया है। वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के साथ वकील साधना रामचंद्रन को वार्ताकार के तौर पर नियुक्त किया गया है। वजहत हबीबुल्लाह, चंद्रशेखर आजाद इस दौरान वार्ताकारों की मदद करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने वकील संजय हेगड़े को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने को कहा। इस पर संजय हेगड़े ने कहा कि उनके साथ रिटायर्ड जस्टिस कुरियन जोसेफ को भी भेजा जाए। संजय हेगड़े की ओर से सॉलिसिटर जनरल से पुलिस प्रोटेक्शन की अपील की।
‘आप प्रदर्शन करें, लेकिन रास्ता बंद ना करें‘
सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि हमारी चिंता सीमित है, अगर हर कोई सड़क पर उतरने लगेगा तो क्या होगा? लोकतंत्र तो हर किसी के लिए है, आप प्रदर्शन करें। दिल्ली में हमारी चिंता ट्रैफिक को लेकर है। अगर आपकी मांग भी जायज है तो आप रास्ता कैसे बंद कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में चंद्रशेखर आजाद की ओर से पेश वकील ने कहा कि देश में इस तरह के पांच हजार प्रदर्शन होंगे। इसपर अदालत ने कहा कि हमें 5000 प्रदर्शनों से दिक्कत नहीं हैं, लेकिन रास्ता बंद नहीं होना चाहिए। हमें बस सड़क के जाम होने से चिंता है।