15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन क़ानून के लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर अब तक चार वीडियो सामने आ चुके हैं।
इनमें से जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने ट्वीट किया है, बाक़ी तीन सोशल मीडिया पर वायरल है लेकिन वो वीडियो सोशल मीडिया पर आए कहां से, उनके सोर्स अभी तक किसी को साफ़ तौर पर पता नहीं है। अब ये पूरा मामला छात्र, जामिया और दिल्ली पुलिस के बीच का ही नहीं रहा है। राजनीतिक पार्टियां भी इस पर एक दूसरे से सवाल जवाब कर रही है। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने एक ट्वीट करके दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए हैं।
Police brutality in Jamia library
December 15 ( Tape )When
Policemen hide the truthWhen
There’s no dialogue with the youthWhen
Speeches are uncouthWhen
Government becomes a sleuthAnd
Data is full of “ jhooth “Slowly
Democracy will weaken at it’s roots— Kapil Sibal (@KapilSibal) February 17, 2020
इससे पहले प्रियंका गांधी ने ट्वीट पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “देखिए कैसे दिल्ली पुलिस पढ़ने वाले छात्रों को अंधाधुंध पीट रही है। एक लड़का किताब दिखा रहा है लेकिन पुलिस वाला लाठियां चलाए जा रहा है।
कपिल सिब्बल और प्रियंका गांधी के सवालों पर बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेस कर पूरे मामले को राजनीतिक न बनाने की गुजारिश की। बीजेपी के प्रवक्ता जेवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, “जो लोग हिंसक घटनाएं करते हैं, हिंसक प्रदर्शन करते हैं, उनके साथ कांग्रेस पार्टी संवेदना व्यक्त करती है। और जो पुलिस, सुरक्षा बल, सेना अपने को ख़तरे में डाल कर देश को सुरक्षित रखते हैं, उनके ख़िलाफ़ कांग्रेस पार्टी लगातार आवाज़ उठाती है।” बीजेपी के ये भी कहा कि वीडियो की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। अगर पुलिस की तरफ से बर्बरता हुई है तो निश्चित पर वो उस पर भी कार्रवाई करेंगे।
पहला वीडियो 29 सेकेंड का है। इस सीसीटीवी फुटेज में कुछ लोग वर्दी में एक लाइब्रेरी में बैठे बच्चों पर लाठियां बरसा रहे हैं और बच्चे कुर्सियों के नीचे छिपते और पुलिस के सामने हाथ जोड़ते नज़र आ रहे हैं। जामिया के छात्रों के एक संगठन जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने 16 फरवरी को देर रात 1 बजकर 37 मिनट पर ये वीडियो ट्वीट किया। देखते ही देखते ये वीडियो वायरल हो गया।
दूसरा वीडियो पहले वीडियो के कुछ घंटे बाद टीवी चैनलों पर दिखा। बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस वीडियो को रिट्वीट किया। इस वीडियो में छात्र बदहवासी की हालत में एक कमरे के अंदर आते हुए दिख रहे हैं। इनमें से कुछ छात्रों ने अपने हाथ में कुछ पकड़ रखा है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लोग गोला बना कर पूछ रहें है कि छात्रों ने हाथ में क्या पकड़ रखा है। इस फुटेज में कोई आवाज़ नहीं सुनाई दे रही है।
तीसरा वीडियो तकरीबन 1।30 मिनट का है। सोशल मीडिया पर इस पोस्ट की बड़ी चर्चा है। हालांकि ये जारी कहां से हुआ है, इस पर अभी तक कोई पुख्ता जानकारी हासिल नहीं है। इसमें 8-10 छात्र एक साथ बालकोनी झांकते हुए दिख रहे हैं। एक दूसरा छात्र बालकोनी के दूसरे छोर से भागते हुए आते दिखता है। इतने में से कुछ के हाथ में कोई चीज़ दिख रही है लेकिन वो पत्थर ही है ये पुख़्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता।
एक चौथा वीडियो भी सोशल मीडिया पर दिखा। इस वीडियो में छात्र किसी दरवाज़े के सामने बेंच और कुर्सीयों को बंद करते हुए देखे जा सकते हैं। देखने पर यहां का सेट-अप, लाइब्रेरी से इतर, किसी दूसरी जगह का लग रहा है। जब सारी बेंच और कुर्सियां दरवाजे से सटा कर लगा दी गई, तब एक लड़का अपने मोबाइल से पहले फोटो खींचता है। इतने में वर्दी में लोग जबरन अंदर घुसते हैं। वीडियो में पहले लड़कियां निकलती नज़र आती है और बाद में लड़के। इन पर भी वो डंडे…
इन तमाम वीडियो पर सोशल मीडिया पर कई तरह के सवाल जवाब हो रहे हैं। कोई इन्हें पुलिस की बर्बरता से जोड़ कर लिख रहा है। तो कोई कह रहा कि जामिया में छात्र पढ़ने आए तो उनके हाथ में पत्थर क्यों? इन सबके बीच कई ऐसे सवाल है जिनका उत्तर, पुलिस को और जामिया प्रशासन को भी देना है।
सवाल 1
15 दिंसबर की घटना का पूरा सीसीटीवी फुटेज जामिया प्रशासन के सर्वर पर था। जामिया प्रशासन का दावा है कि उन्होंने ये फुटेज पुलिस को सौंप दिया। जब जामिया प्रशासन ने ये पूरा वीडियो पुलिस को दे दिया, तो घटना के दो महीने बाद ये वीडियो जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी के पास कैसे और कहां से आया? अगर ये पहले से उनके पास था तो दो महीने तक उन्होंने इंतज़ार क्यों किया?
सवाल 2
जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने साफ़ तौर पर कहा कि इस फुटेज़ को उन्होंने एडिट भी किया है। ऐसे में सवाल यह है कि अनएडिटेड वीडियो में क्या कुछ था और कितना कुछ एडिट किया गया है? इतना ही नहीं सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या इन लोगों से पूछताछ नहीं होनी चाहिए?
सवाल 3
15 दिसंबर की लाइब्रेरी की घटना का सीसीटीवी फुटेज घटना के बाद ही जामिया प्रशासन ने दिल्ली पुलिस को सौंप दिया था। अब तक पुलिस ने इस मामले में क्या कार्रवाई की। इस का ब्योरा पुलिस ने प्रशासन को अब तक क्यों नहीं दिया। आख़िर पूरे मामले की जांच कहां तक पहुंची है? वीडियो में दिखने वाले छात्र कौन है। जमिया के हैं भी या नहीं। अगर हैं तो नाम और अगर नहीं है तो प्रशासन ये बात खुल कर सबके सामने क्यों नहीं रखता?
सवाल 4
अब तक चार वीडियो सामने आ चुके हैं। पुलिस ने केवल एक वीडियो के बारे में कहा है कि वो इसकी फॉरेंसिक जांच करा रही है है। जिस पर पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। बाक़ी वीडियो में छात्रों के ऊपर लोग सवाल उठ रहे हैं। क्या पुलिस ने बाक़ी तीन वीडियो पर भी संज्ञान लिया है क्या? अगर हां – तो पुलिस को ये कब पता चलेगा कि बाक़ी वीडियो लीक कहां से हो रहे हैं? अगर फुटेज पुलिस के पास है तो शक की सुई पुलिस की तरफ भी है? क्या इसके बाद भी पूरे मामले क जांच पुलिस ही करेगी? ऐसे में स्वतंत्र जांच क्यों नहीं कराई जानी चाहिए।
सवाल 5
वीडियो के क्रम के बारे में कोई जानकारी स्पष्ट नहीं है। पहले कौन सा वीडियो आया और बाद में कौन सा वीडियो आया। जामिया प्रशासन इस पूरे मसले पर चुप क्यों है? इस वजह से उनकी चुप्पी भी सवालों के घेरे में आती है।
स्त्रोत – बीबीसी