एअर इंडिया को वित्त वर्ष 2018-19 में 8,400 करोड़ रुपये का जबरदस्त घाटा हुआ है । एअर इंडिया पहले से ही लंबे समय से पैसों की कमी से जूझ रही है और कर्ज के बोझ से दबी हुई है । ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और फॉरेन एक्सचेंज लॉस के चलते कंपनी को भारी घाटा उठाना पड़ा है । एअर इंडिया को एक साल में जितना घाटा हुआ है उतने में तो एक नई एयरलाइंस शुरू की जा सकती है ।
गौरतलब है कि देश में सफलता से चल रही एयरलाइंस स्पाइसजेट का मार्केट कैपिटल महज 7,892 करोड़ रुपये ही है यानी 8,000 करोड़ रुपये से कम पूंजी में ही इस एयरलाइंस को खरीदा जा सकता है। वित्त वर्ष 2018-19 में एअर इंडिया की कुल आय 26,400 करोड़ रुपये रही।इस दौरान कंपनी को 4,600 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस उठाना पड़ा है। बढ़ते तेल के दाम और पाकिस्तान के भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद करने के बाद कंपनी को रोज 3 से 4 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है । कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि जून की तिमाही में सिर्फ पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने की वजह से एअर इंडिया को 175 से 200 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस हुआ है ।
पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से 491 करोड़ का नुकसान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2 जुलाई तक एअर इंडिया को पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से 491 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।गौरतलब है कि पाकिस्तान ने पहले फरवरी में बालाकोट स्ट्राइक के बाद अपने एयरस्पेस बंद कर दिए थे, इसे जुलाई में खोल दिया गया था।उसके बाद कश्मीर से जुड़े धारा 370 को भारत सरकार द्वारा खत्म करने के बाद बने माहौल में पाकिस्तान ने फिर अगस्त अंत में अपने एयरस्पेस बंद कर दिए।इस दौरान निजी एयरलाइंस स्पाइसजेट, इंडिगो और गोएयर को क्रमश: 30.73 करोड़ रुपये, 25.1 करोड़ रुपये और 2.1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
उम्मीद है कायम
इसके बावजूद अधिकारियों को उम्मीद इस वित्त वर्ष यानी 2019-20 के अंत तक कर्ज में डूबी एअर इंडिया फिर से फायदे में आ जाएगी।उनका कहना है कि यदि ईंधन की कीमतें अब और न बढ़ें और विदेशी मुद्रा में ज्यादा उतार-चढ़ाव न आए तो एअर इंडिया को इस साल 700 से 800 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट हो सकता है।उनके मुताबिक एअर इंडिया में लोड फैक्टर यानी सीट ऑक्यूपेंसी या यात्रियों की संख्या में सुधार हो रहा है।एअर इंडिया फिलहाल 41 इंटरनेशनल और 72 घरेलू गंतव्यों तक अपनी उड़ानों का संचालन करती है.
कुल 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज
गौरतलब है कि एअर इंडिया पिछले कई साल से भारी घाटे का सामना कर रही है और कर्ज में डूबी हुई है।विनिवेश के द्वारा इसकी सेहत को ठीक करने की तैयारी की जा रही है।एअर इंडिया पर कुल 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और इसे चुकाने के लिए एयरलाइंस को सालाना 4,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।एयरलाइंस को सुधारने के लिए कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं।एक स्पेशल परपज व्हीकल एअर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (AIAHL) की स्थापना की गई है और अगले कुछ हफ्तों में 22,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी करने की तैयारी की जा रही है।7,000 करोड़ रुपये का ऐसा पहला बॉन्ड 16 सितंबर को जारी किया जा सकता है.