केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नागरिकता संशोधन कानून पर बहस करने की चुनौती को यूपी के सियासी दलों ने अपने-अपने तरीके से स्वीकार किया है। समाजवादी पार्टी ने जहां सीएए के बजाये विकास पर बहस की चुनौती दी है। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने उनसे किसी भी मंच पर बहस करने को कहा है।
विकास पर बहस करें -अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वह बहस के लिए तैयार हैं। भाजपा विकास के मुद्दे पर बहस करे। पैसे लेकर धरना देने की बात गलत है। उन्होंने कहा है कि वह नरेश उत्तम को बहस के लिए भेज देंगे। वह बहुत बढ़िया बोल लेते हैं। अखिलेश ने ये बातें मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा सीएए पर विपक्ष के नेताओं को खुले मंच पर बहस के जवाब में कही है।
सपा अध्यक्ष ने बुधवार को जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। जनेश्वर मिश्र पार्क में सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हर नागरिक सीएए का विरोध कर रहा और उन्हें खुशी है कि महिलाएं आगे आईं हैं। सवाल किया कि भारत की आत्मा खत्म करेंगे क्या?
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश और भारत की धरती पर जो भाषा राजनीति में इस्तेमाल हो रही है, ये राजनीति करने वालों की भाषा नहीं हो सकती। सीएए का विरोध वह अकेले नहीं कर रहे बल्कि हर वह व्यक्ति कर रहा है जो इसको समझ रहा है।
अखिलेश बोले, “सीएए का विरोध सिर्फ एसपी ही नहीं कर रही है, समूचे देश में लोग सड़कों पर उतर आए हैं, बड़ी संख्या में महिलाएं भी धरना दे रही हैं। बीजेपी भाजपा वाले धर्म के नाम पर नागरिकों के साथ भेदभाव कब तक करेंगे। वोट के लिए भारत की आत्मा को क्यों खत्म कर रही है बीजेपी?”
मायावती बोलीं बसपा किसी भी मंच पर बहस के लिए तैयार
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा सीएए पर बहस की चुनौती को बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी स्वीकार किया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि अति विवादित सीएए, एनसीआर और एनआरपी के खिलाफ पूरे देश में युवाओं व महिलाओं द्वारा संगठित होकर संघर्ष व आंदोलन करने से केंद्र सरकार परेशान है। लखनऊ की रैली में विपक्ष को इस मुद्दे पर बहस करने की चुनौती पर बसपा किसी भी मंच पर और कहीं भी स्वीकार करने को तैयार है।