गणतंत्र से जब दुनिया नावाकिफ थी, तब लिच्छवी गणराज्य के निर्वाचित प्रतिनिधि शासन-व्यवस्था चलाते थे। राजकुमार सिद्धार्थ बिहार आकर ही गौतम बुद्ध बने। महावीर, गुरु गोविंद सिंह का जन्म इसी माटी में हुआ। देश को अब तक का सबसे बड़ासाम्राज्य यहीं के सम्राट अशोक ने दिया। भारत का स्वर्ण युग जिसे कहते हैं वह हमारे गुप्त सम्राटों की देन है। अर्थशास्त्र का ज्ञान यहीं से चाणक्य ने दुनिया को बांटा। खगोलशास्त्र का ज्ञान आर्यभट्ट ने दिया। की समृद्ध परंपरा हमारी है।
Valmiki ने रामायण यहीं रची। पाणिनी का व्याकरण हमारी भूमि की देन है। सीता की जन्मभूमि और विद्यापति का संसार हमारा है। जब दुनिया विश्वविद्यालय में सोच तक नहीं सकती थी तब हमारे यहां नालंदा व विक्रमशिला विश्वविद्यालय थे। सड़क संजाल का महत्व क्या होता है, इसे शेरशाह सूरी ने बताया। देश में सत्याग्रह की पहली प्रयोग भूमि बिहार ही है।
गांधी यहीं महात्मा कहलाए। देशरत्न, लोकनायक, जननायक, राष्ट्रकवि क्या कुछ नहीं दिया बिहार ने। बिहारियों ने देश बसाए हैं। अपने पसीने से देश संवार रहे हैं। कोई कोना नहीं जिसे बिहार के लोगों ने सींचा न हो। भारत का इतिहास जहां से प्रारंभ होता है और वर्तमान जहां खड़ा है, उसके पन्ने बिहारियों के योगदान के बिना अधूरे हैं। अतीत की कूची से भविष्य में रंग भरे जाते हैं…और यह हम सबको करना है।