शिवसेना ने वीर सावरकर को भारत रत्न का विरोध करने वालों को अंडमान की जेल भेजने की वकालत की है। राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि “वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने का विरोध करने वालों को दो-दो दिन अंडमान के उसी सेल्यूलर जेल की उसी काल कोठरी में रखा जाए, जहां वीर सावरकर को रखा गया था। तब वे समझेंगे कि सावरकर ने देश के लिए कितना बड़ा संघर्ष और त्याग किया है। विरोध करने वाले चाहे किसी भी पार्टी के हो किसी भी विचारधारा के हो।”
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कई मौकों पर सावरकर का विरोध करते आए हैं। इसपर राउत ने कहा कि “राहुल गांधी हमेशा वीर सावरकर का विरोध करते हैं।” राहुल ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 14 दिसंबर को कहा था, “मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं, राहुल गांधी है। मैं सच्चाई के लिए कभी माफी नहीं मांगूंगा मर जाऊंगा लेकिन माफी नहीं मांगूंगा।”
कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत के अनुसार, “वीर सावरकर के विचारों का कांग्रेस हमेशा विरोध करती रहेगी। भारतीय जनता पार्टी से देश को खतरा है, यही वजह है कि शिवसेना के साथ हमारे विचार मेल नहीं खाते फिर भी हम साथ में आए। वीर सावरकर को भारत रत्न देने की बात बीजेपी करती है तो ऐसे में अंडमान निकोबार के जेल में 300 से ज्यादा लोग थे उन लोगों को भी भारत रत्न देना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी को सावरकर को भारत रत्न देने से किसी ने रोका नहीं है। उनके पास बहुमत है। 11 साल तक इनकी सत्ता रही तब इन्होंने दिया नहीं। हमारा विरोध इस पर जारी रहेगा।”
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने राउत के बयान पर कहा, “संजय राउत ने बताया कि वह किस संदर्भ में बोल रहे थे। शिवसेना और कांग्रेस का गठबंधन मजबूत है और हम राज्य के विकास के लिए साथ आए हैं। कुछ मुद्दों पर हमारी राय अलग हो सकती है लेकिन यही तो लोकतंत्र है। इतिहास की बजाय हमें वर्तमान मुद्दों पर बात करने की जरूरत है।”
बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा, “संजय राउत ने सावरकर जी पर जो बयान दिया है वो बिल्कुल सही है। जो भी विरोध करे जरूर उसे सेलुलर जेल जरूर भेजना चाहिए। ये राहुल गांधी बार-बार सावरकर जी के खिलाफ बोलते हैं। राहुल पहले सावरकर जी को जानें।”
राउत के बयान पर बीजेपी महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष किरीट सोमैया ने कहा कि राउत असल में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की राय सामने रख रहे हैं। उन्होंने राउत के बयान को ‘राहुल गांधी के लिए संदेश’ बताया।
सीएम उद्धव ठाकरे भी सावरकर के विरोधियों के लिए कड़े शब्द प्रयोग कर चुके हैं। पिछले साल अगस्त में उन्होंने कहा था कि “वीर सावरकर को जो नहीं मानता है, उसे चौक पर पीटा जाना चाहिए। राहुल गांधी ने भी सावरकर का अपमान किया था, ऐसी औलादों को आजादी की अहमियत समझ नहीं आती।” उस वक्त महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन नहीं था।