हिंदू और मुस्लिमों की आस्था के प्रतीक साईं बाबा कभी अपने चमत्कारों को लेकर चर्चा में रहते हैं तो कभी उनकी जाति को लेकर तरह-तरह की बातें होती है। इस बार विवाद का विषय है साईं बाबा का जन्म स्थान।
उनके कुछ भक्त साईं बाबा का जन्म स्थान शिरडी को मानते हैं। शिरडी उनकी कर्मस्थली रही और यहीं उनका देहावसान भी हुआ। वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो उनका जन्म स्थान शिरडी को नहीं मानते। उन्हीं में से एक हैं महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे।
उन्होंने अपने भाषण में साईं बाबा का जन्मस्थान पाथरी को बताकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। शिरडी से 275 किमी दूर पाथरी के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये देने का भी ऐलान किया है। बस यहीं से विवाद शुरू हो गया है। शिरडी के साईं ट्रस्ट के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के इस बयान का विरोध कर रहे हैं।
मंदिर के ट्रस्ट से जुड़े लोगों का कहना है कि साईं बाबा ने कभी अपनी जाति, जन्म स्थान और परिवार के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। इसलिए पाथरी को साईं बाबा की जन्मभूमि बताकर उसका विकास करना सही नहीं है।
विवाद इतना बढ़ गया है कि पहली बार साईं ट्रस्ट ने मंदिर रविवार से अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। लोगों का कहना है कि वो मुख्यमंत्री के फैसले के खिलाफ कोर्ट में भी जा सकते हैं।