राज्य के उपभोक्ताओं को निजी कंपनियां कनेक्शन देने के साथ बिजली सप्लाई देंगी। उपभोक्ताओं को मोबाइल फोन की तरह एक से दूसरी कंपनी में स्वीच ओवर करने की छूट होगी । यानी, उपभोक्ता बिजली कंपनी को बदल सकेंगे। यानी जो कंपनी क्वालिटी के साथ सस्ती बिजली देगी, उसका कनेक्शन ले सकेंगे। इसके साथ ही बिजली कंपनी का घाटा शून्य हो जाएगा। पटना शहर में मल्टी यूजर फ्रेंचाइजी सिस्टम लागू करने और अन्य हिस्सों में अन्य मॉडल पर मंथन चल रहा है।
इंजीनियरों ने कहा-महंगी हो जाएगी
बिजली इंजीनियरों का कहना है कि निजीकरण होने से बिजली महंगी होगी । प्रति यूनिट दर 12 से 20 रुपए तक होगी । अलग-अलग श्रेणी के लोगों को अलग-अलग दर पर बिजली सप्लाई दी जाएगी। राज्य सरकार उपभोक्ताओं को मिलने वाला अनुदान बंद कर देगी। राज्य में कार्यरत बिजली इंजीनियरों का भविष्य चौपट हो जाएगा। बिजली इंजीनियरों ने दिन-रात मेहनत कर हर घर बिजली पहुंचाने का काम पूरा किया। शहर से लेकर गांव तक 24 घंटे गुणवत्ता के साथ बिजली सप्लाई दी जा रही है।
फरवरी में केंद्र सरकार संसद में पेश करेगी बिल : बिहार की बिजली का निजीकरण करने की तैयारी चल रही है। बिजली कंपनी मुख्यालय द्वारा निजीकरण करने के लिए डीपीआर बनाने का कार्य शुरू हाे गया है। सूचना के मुताबिक केंद्र सरकार फरवरी में न्यू इलेक्ट्रिसिटी बिल पेश करने वाली है। इस बिल के पास हाेने के बाद जिन राज्यों की बिजली कंपनियां आदित्य योजना को लागू करेंगी, सिर्फ उन्हीं को अनुदान और फंड मिलेगा।