पीएम नरेंद्र मोदी के स्किल इंडिया के सपने को पूरा करने लिए सरकार ने आठवीं कक्षा से ही आईटीआई कोर्स करने की व्यवस्था शुरू की है। बिहार सरकार के श्रम विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब आठवीं क्लास के बाद बच्चों को सीधे ITI में एडमिशन दिया जाएगा। इसके लिए विभाग ने सारी तैयारी कर ली है। वहीं, जिन्होंने दसवीं के बाद ITI में एडमिशन लिया है, उनके प्लस टू की पढ़ाई की व्यवस्था श्रम विभाग करेगा।
श्रम विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि जो आठवीं क्लास के बाद बच्चे आईटीआई में आएंगे, वे अपनी पढ़ाई भी साथ-साथ करेंगे। हालांकि, उनका विषय मैथमेटिक्स और फिजिक्स होना चाहिए। जिन छात्रों ने दसवीं के बाद आईटीआई में प्रशिक्षण लेना शुरू किया है, उनको बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तरफ से मैथमेटिक्स और फिजिक्स की पढ़ाई भी कराई जाएगी ताकि वह प्लस टू कर सकें। श्रम संसाधन मंत्री ने बताया कि आईटीआई संस्थानों के प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे व्यवसायिक परीक्षा के साथ-साथ इंटर काउंसिल से हिंदी और अंग्रेजी की परीक्षा पास कर लेने पर इंटरमीडिएट की मान्यता प्राप्त हो जाती है।
श्रम विभाग ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए यह निर्णय किया है कि जिस तरह से सभी मजदूरों को चिकित्सा राशि मुहैया कराई जाती है उसी तरह से सभी निबंधित मजदूरों को साल में एक बार उनके पोशाक के लिए राशि दी जाएगी। श्रम मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि सभी मजदूरों को जो निबंधित हैं, उनके खाते में प्रति वर्ष 2500 दिए जाएंगे। मजदूर इस राशि से अपनी पोशाक बनवा सकेंगे।
बिहार में 139 सरकारी ITI है, जिसमें सामान्य की संख्या 101 है, जबकि महिला ITI संस्थानों की संख्या 38 है। वहीं, श्रम विभाग उग्रवाद प्रभावित इलाकों में भी 9 ITI चलाता है। पूरे बिहार में प्राइवेट ITI की संख्या 1166 है। श्रम विभाग डोमेन स्किल की 1139 संस्थाएं चला रहा है। वहीं, बिहार कौशल विकास मिशन की तरफ से पूरे बिहार में 1750 संस्थाएं काम कर रही हैं।