नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर जारी देश भर में प्रद’र्शन के बीच माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा कि मुझे लगता है कि जो हो रहा है वह दुखद है…यह बुरा है…। मैं एक ऐसे बांग्लादेशी अप्रवासी को देखना पसंद करूंगा जो भारत में आता है और इंफोसिस का अगला सीईओ बनता है।
वेबसाइट BuzzfeedNews के एडिटर-इन-चीफ बेन स्मिथ ने ट्विटर पर लिखा कि भारत में जन्मे नडेला ने एक सवाल में जवाब ये बातें कही। उन्होंने कहा, “मैं अपनी भारतीय विरासत से जुड़ा हुआ हूं, एक बहुसांस्कृतिक भारत में बढ़ रहा हूं और संयुक्त राज्य अमेरिका में मेरा आप्रवासी अनुभव है। मैं एक ऐसे भारत की उम्मीद करता हूं जहां आप्रवासी भी एक समृद्ध स्टार्ट-अप को शुरू करने या एक बहुराष्ट्रीय कॉरपोरेशन का नेतृत्व करने की सोच सकें और समाज तथा अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचा सकें।
स्मिथ ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि नडेला की टिप्पणी मैनहट्टन में सोमवार को माइक्रोसॉफ्ट के एक कार्यक्रम में संपादकों के साथ बातचीत के दौरान आई। बता दें कि 52 वर्षीय नडेला अमेरिका में दुनिया की दो बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी के भारतीय मूल के सीईओ में से एक हैं। उनके अलावा सुंदर पिचाई हैं जो गूगल के सीईओ हैं।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी सत्य नडेला के इस बयान का स्वागत किया है। एक ट्वीट के जरिए रामचंद्र गुहा ने कहा कि मैं खुश हूं कि सत्य नडेला ने वो कहा जो वो महसूस करते थे। यह बुद्धिमत्तापूर्ण बात है।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा पहले भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ केंद्र सरकार पर हमलावर रहे हैं। रामचंद्र गुहा ने सीएए को भारत के संविधान के खिलाफ बताया है। रामचंद्र गुहा ने यह भी कहा है कि आईटी इंडस्ट्री के अन्य लोग भी यह कहने का साहस दिखाएं।
दरअसल मोदी सरकार द्वारा लागू संशोधित नागरिकता कानून का पूरे देश में विरोध हो रहा है। छात्र से लेकर नोबेल पुरस्कार विजेता तक इस कानून का विरोध कर रहे हैं। सीएए को रद्द करने की मांग करने के कुछ ही दिन बाद नोबेल पुरस्कार विजेता आमर्त्य सेन ने सोमवार को कहा कि किसी भी कारण के लिए प्रदर्शन करने की खातिर विपक्ष की एकता जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष में एकता नहीं होने के बावजूद प्रदर्शन जारी रह सकते हैं।