कितनी बेशर्म सरकार है, पहले फ़ीस बढ़ाती है, विद्यार्थी विरोध करें तो पुलिस से पिटवाती है और छात्र तब भी ना झुके, तो अपने गुंडे भेजकर हमला करवाती है। जब से सत्ता में आए हैं, तब से देश के हर कोने में देश के विद्यार्थियों के ख़िलाफ़ इन्होने जंग छेड़ रखी है।
सुनो साहेब, TV से जितना झूठ फैलाना है, फैला लो! जितना बदनाम करना है, कर लो! इतिहास यही कहेगा कि आपकी सरकार ग़रीबों के बच्चों के पढ़ने के ख़िलाफ़ थी और देश के विद्यार्थी आपकी इस साज़िश के ख़िलाफ़ उठ खड़े हुए क्योंकि उनकी रगों में गांधी, अम्बेडकर, भगतसिंह और अश्फ़ाक का ख़ून है।
आप आज के द्रोणाचार्य तो बन गए लेकिन याद रखिए 21 वी सदी का एकलव्य आपको अपना अँगूठा नहीं देगा और सर फुडवाना और कटवाना मंज़ूर करेगा। आप हिं सा कराकर अलीगढ़ और जामिया की तरह जेएनयू को भी बंद कराना चाहते है, इस साज़िश को विद्यार्थी बख़ूबी समझते हैं।
फिर कहता हूँ, जितना दबाओगे, उतनी ज़ोर से ये दोबारा उठ खड़े होंगे और आपकी संविधान और ग़रीबविरोधी तमाम साज़िशों को भारत के विद्यार्थी एकजुट होकर नाकाम करेंगे।
कन्हैया कुमार