उत्तरी भारत के राज्य पंजाब में गधों, घोड़ों, खच्चरों और टट्टुओं की संख्या में भारी कमी आ गई है। पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में इन जानवरों की आबादी में बड़ी गिरावट आई हैं। 20वीं पशुधन जनगणना 2019 की रिपोर्ट केंद्र को भेजी गई है जिसमें ये बात सामने आई।
सबसे अधिक गिरावट गधों की संख्या में आई है। आंकड़ों के मुताबिक गधों की आबादी 83 प्रतिशत कम हो गई है और अब राज्य में केवल 471 गधे बचे हैं। घोड़ों और टट्टुओं की संख्या भी 48 प्रतिशत तक घट गई है। इसी तरह खच्चरों की संख्या में भी 68 प्रतिशत की कमी हुई है।
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जानकारों के मुताबिक पिछले सात सालों में भारी मात्रा में वाहन बढ़े हैं जिसके कारण इन जानवरों की उपयोगिता नहीं रही। इसी वजह से इन्हें पालने वाले भी कम हो गए और इसी कारण इन जानवरों की संख्या कम हो गई।
केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने हाल ही में 20वीं पशुधन जनगणना के आंकड़े जारी किए जिसमें कहा गया कि इन जानवरों की आबादी में कमी बहुत चिंता का विषय है।
देश में घोड़ों, गधों, टट्टुओं और खच्चरों की कुल आबादी 5।4 लाख आंकी गई है और साल 2012 के बाद 52 प्रतिशत तक कम हो गई है। 2012 में देश में करीब 11।4 लाख घोड़े, खच्चर, गधे और टट्टू थे।
पंजाब के पशुपालन विभाग ने जो नए आंकड़े पेश किए हैं, उनके मुताबिक राज्य में गधों की कुल संख्या 471 है जबकि साल 2012 में पंजाब में 2909 गधे थे। वहीं देश में 2012 में 3।2 लाख गधे थे वहीं अब केवल 1।2 लाख गधे बचे हैं।
राजस्थान में गधों की आबादी सबसे अधिक (32000) है। हालांकि वहां भी 2012 की तुलना में 71 प्रतिशत की गिरावट आई है। पंजाब के मुक्तसर जिले में 56 गधे हैं वहीं फजलिका जिले में 49 गधे हैं।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक घोड़े और टट्टू हैं, हालांकि यहां भी इनकी आबादी 50 प्रतिशत घट गई है।