नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 15 दिसंबर को हुए बवाल में घायल पीएचडी छात्र मो. तारिक को रसायन विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर (एडहाक) बनाए जाने का विरोध शुरू हो गया है। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संदीप चाणक्य ने मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र लिखकर नियुक्ति रद्द करने की मांग की है। एबीवीपी नेताओं ने नियुक्ति पर एतराज जताया है और फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को लिखे पत्र में संदीप चाणक्य ने आरोप लगाया है कि मो. तारिक उपद्रव में शामिल था और पुलिस द्वारा चलाए गए आंसू गैस के गोले को अपने हाथ में उठाकर पुन: पुलिस पर फेंकने की कोशिश कर रहा था, जिसके फलस्वरूप उसकी अंगुलियों में जख्म आए थे।
संदीप का कहना है कि ऐसे उपद्रवी छात्र को प्रोफेसर नियुक्त किया जाना बेहद गंभीर विषय है। जब प्रोफेसर ही दंगाई होगा तो छात्रों का जीवन कैसा होगा? उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री से नियुक्ति को रोकने एवं रद्द करने के निर्देश दिए जाने का आग्रह किया है ताकि समाज को तोड़ने वाले घटकों के हौसले बुलंद न हो सकें।
वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के डॉ. पुष्पेंद्र पचौरी ने कहा है कि उपद्रव में शामिल छात्र को असिस्टेंट प्रोफेसर बनाए जाने से एएमयू प्रशासन की मानसिकता का पता चलता है। यह निर्णय अत्यंत ही भयावह स्थिति पैदा करने वाला है। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्री से एएमयू वीसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। मो. तारिक के हाथ का जख्म जांच का विषय है।