सूरज महज बारह साल का हैं लेकिन इस छोटी से उम्र में उसने धार्मिक और शारीरिक समेत सभी उत्पीड़न सहन कर लिए हैं। सूरज अपने माता पिता और पूरे परिवार के साथ कुछ महीने पहले तक पाकिस्तान में रहता था लेकिन इस साल अक्तूबर में उसके माता पिता उसके साथ भारत लौट आए हैं। नन्हा सूरज पाकिस्तान में रहकर पढ़ाई तो कर रहा था लेकिन उसका जीवन नर्क बना हुआ था। स्कूल में रोज़ाना पाकिस्तानी बच्चे उसकी पिटाई करते थे और गंदी गालियां देते थे।
सूरज पर दबाव बनाया जाता था कि वो स्कूल में नहीं बल्कि मदरसे में दीनी तालीम हासिल करें। इसके अलावा उसे धार्मिक रूप से भी प्रताड़ित किया जाता था। हिन्दु देवी देवताओं की मिट्टी से पुतले बनाकर पाकिस्तानी बच्चे उन पुतलों को गंदगी में गिराकर ख़ूब हंसते और मज़ाक़ उड़ाते थे। अब सूरज कभी पाक वापस नहीं लौटना चाहता है। प्रेमचंद पाकिस्तान के कराची के नज़दीक एक गांव में छोटी सी दुकान चलाया करते थे। लेकिन उस साल विश्व कप के मुक़ाबले में भारतीय क्रिकेट टीम ने पाक गेंदबाज़ों की पिटाई क्या कि उसका ख़ामियाज़ा प्रेमचंद को भुगतना पड़ा। उसकी दुकान जला दी गई।
बक़ौल प्रेमचंद ये वहां रह रहे हज़ारों लाखों हिंदुओं के लिए आम बात है। पाक के ख़िलाफ़ क्रिकेट मैच भले ही दुनिया के किसी कोने में हो अगर टीम इंडिया ने पाक टीम की गत बिगाड़ी तो अंजाम पाक में बसे हिंदुओं को भुगतना पड़ता हैं। संगीता और कमला समेत हज़ारों ऐसी महिलाएं हैं जिनकी शादी पाकिस्तान में हुई। इनके परिवार आज भी पाकिस्तान में बसे हैं लेकिन वो लोग भी वहां रहना नहीं चाहते। मारपीट और लूटपाट जैसी घटनाए वहां बसे लोगों के लिए रोज़ाना होती हैं।
मूलचंद के परिवार के साथ लूट हुई और जब वो रिपोर्ट लिखवाने पुलिस थाने गए तो उन्हें कहा गया कि रिपोर्ट तो लिखवा दो लेकिन देख लेना तुम्हारी बहन बेटियों का अपहरण कर उनका धर्म परिवर्तन करवा दिया जाएगा। बीजेपी ने शुक्रवार को जयपुर में नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थन में एक बड़ी रैली निकाली और हज़ारों पाक विस्थापित हिंदुओं ने इस रैली में शामिल होकर अपना समर्थन दिया। सैकड़ों किलोमीटर दूर से आए इन लोगों ने अपने साथ हुए ज़ुल्मों-सितम का दर्द बयां किया। अब इन लोगों को इस बात की तकलीफ़ हैं कि बरसों से जिस नागरिकता का वो लोग इंतज़ार कर रहे थे वो अब मिल रही हैं तो राजनीतिक दल उसमें रोड़ा अटका रहे हैं।