‘मैन ऑफ एक्शन’ के नाम से मशहूर संजय गांधी की आज जयंती है। संजय गांधी की जिंदगी से जुड़े वैसे तो कई दिलचस्प किस्से हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे।
एक इंटरव्यू के दौरान यह बात सामने आई थी कि इंदिरा गांधी अपने ही बेटे, संजय गांधी के प्यार के दूर चले जाने से खुश थीं, लेकिन आप जानते हैं कि वो खुश क्यों थीं, तो चलिए आपको इस किस्से के बारे में बतातें है कि आखिर ऐसा क्यों था?
दरअसल मेनका से पहले संजय गांधी का प्यार सैबिन थीं। सैबिन, क्रिस्टिन की बहन थीं। क्रिस्टिन वो महिला थी, जिसने संजय गांधी के बड़े भाई राजीव गांधी की मुलाकात सोनिया गांधी से कराई थी।
संजय और सैबिन दोनों एक दूसरे के नजदीक आकर भी एक न हो सके। संजय गांधी अपने मारुति प्रोजेक्ट के सपने को साकार करने में इतने व्यस्त हो गए थे कि उन्हें कुछ याद ही नहीं रहता था।
सैबिन दुखी होकर वापस यूरोप चली गईंं। सैबिन का प्लेन तेहरान पहुंचा ही था, कि संजय गांधी ने प्लेन के पायलट को इंस्ट्रक्शन दिए और पायलट प्लेन वापस भारत ले आया। सैबिन फिर से दिल्ली आ गईं, इस उम्मीद के साथ कि अब सब ठीक हो जाएगा, पर नियती को शायद कुछ और ही मंजूर था।
सैबिन के वापस आ जाने के बाद भी संजय गांधी का रवैया कुछ खास नहीं बदला, बल्कि कुछ दिनों बाद संजय मारुति प्रोजेक्ट में और भी ज्यादा मशरूफ हो गए। अब सैबिन से सहा नहीं जा रहा था। सैबिन ने तय कर लिया कि वे संजय से अपने रिश्तों को खत्म कर देंगी।
कुछ दिनों बाद दोनों के बीच सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन सैबिन यूरोप वापस नहीं गईं। वे दिल्ली में ही रहीं और उन्होंने दिल्ली में ही एक टीचर के साथ घर बसा लिया।
कोई भी लव स्टोरी अगर खत्म हो तो अक्सर देखा गया है कि प्यार की हैप्पी एंडिंग नहीं होती, लेकिन जब सैबिन और संजय का रिश्ता खत्म हुआ तो इंदिरा गांधी बहुत खुश हुईं। इंदिरा इसलिए खुश हुईं क्योंकि वे नहीं चाहती थीं कि उनके घर में दोनों विदेशी बहुएं आएं।
साभार – टीवी9भारतवर्ष