जेडीयू (JDU) ने नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) पर विरोध करने वाले अपने नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने इस बिल पर पार्टी की राय से हटकर बयान देने वाले नेताओं की बातों को जहां उनका निजी बयान बताया वहीं इसके साथ ही ये चेतावनी भी दी कि ऐसे नेताओं के बयान को पार्टी तवज्जो नहीं देती और इस तरह के बयान देने वाले नेताओं पर पार्टी (JDU) संज्ञान ले रही है। संजय यहीं नहीं रूके। लगे हाथों उन्होंने ये भी कह दिया कि पार्टी ऐसे नेताओं के खिलाफ बहुत जल्द कार्रवाई (Action) भी कर सकती है।
दरअसल नागरिकता संशोधन बिल पर केंद्र सरकार को जेडीयू के समर्थन के फ़ैसले के ख़िलाफ़ जेडीयू के कई नेताओं ने विरोध जताया है। जेडीयू नेताओ की नाराज़गी का आलम ये है की पार्टी के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम रसूल बलियावी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर ना सिर्फ़ आपत्ति जताई है बल्कि फ़ैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। ग़ुलाम रसूल बलियावी ने जैसे ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर फ़ैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया जेडीयू गम्भीर हो गई।
बलियावी ने लिखा है आदरणीय मुख्यमंत्री जी, इस समय पूरे देश और विशेष कर बंगाल-झारखंड और बंगाल और आसाम से आम लोगों का बराबर दबाव आ रहा है की आपके नेता की कर्मठता की जो पहचान रही है वो ग़लत को ग़लत कहने की रही है। चाहे कोई भी विवादित मुद्दा हो नीतीश कुमार ने सही को सही कहा और ग़लत प्रस्ताव को नकारा, साथ ही हर समुदाय के साथ-साथ भारतीय नागरिकों को संविधान प्रदत्त अधिकारों के समर्थन में आना ही आपकी पहचान है। वर्तमान में नागरिकता संशोधन बिल का हमारी पार्टी की तरफ़ से लोकसभा में समर्थन किए जाने से अल्पसंख्यकों ख़ासकर मुस्लिम के बीच जो बेचैनी और परेशानी उत्पन्न हुई है इस सम्बंध में आपसे पार्टी की तरफ़ से लिए गए निर्णय पर गम्भीरता से पुनः विचार करने आग्रह करता हूं।
ग़ुलाम रसूल बलियावी के लिखे इस पत्र ने जेडीयू के साथ-साथ बीजेपी में भी सरगर्मी बढ़ा दी। इसके पहले प्रशांत किशोर, पवन वर्मा, एनके सिंह और ग़ुलाम गौस भी जेडीयू के स्टैंड पर विरोध कर चुके हैं। जेडीयू नेताओ के विरोध वाले बयान पर बीजेपी नेता और मंत्री प्रमोद कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए जेडीयू के कुछ नेता ऐसा कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने जेडीयू नेता के नीतीश कुमार को लिखे पत्र के बहाने नीतीश कुमार को पत्र लिखा और सवाल पूछा कि आख़िर नीतीश जी किसके दबाव में ऐसा कर रहे हैं। ज़ाहिर है कि जेडीयू के कई नेताओं की तरफ़ से नागरिकता संशोधन बिल के ख़िलाफ़ बयानबाज़ी से जेडीयू की परेशानी बढ़ सकती है और इसे तत्काल रोकने के लिए जेडीयू बहुत जल्द ऐसे नेताओ पर कार्रवाई कर मामले को शांत कर सकती है।