पश्चिम बंगाल के गवर्नर राज्य सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए। दरअसल राज्यपाल जगदीप धनखड़ गुरुवार (05-12-2019) को राज्य विधानसभा में पहुंचे थे। लेकिन विधानसभा पहुंचने के बाद गवर्नर जगदीप धनखड़ यहीं पर धरने पर बैठ गए। इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मैं यहां इस ऐतिसाहिक बिल्डिंग को देखने आया था…मैं यहां की लाइब्रेरी में जाकर देखना चाहता था। लेकिन विधानसभा बंद है..अगर विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि विधानसभा बंद रहेगा…पूरे सचिवालय को आम दिनों में भी खुला रहना चाहिए।’
गवर्नर ने कहा कि राज्य का कोई अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। राज्यपाल का कहना है कि राज्य सरकार किसी भी काम को लेकर उनसे कोई वाद-संवाद नहीं करती है। विधानसभा पहुंचने के बाद जब गेट पर ताला जड़ा मिला और उन्हें वो लाइब्रेरी में नहीं जा सके तो वो नाराज हो गए। नाराज गवर्नर विधानसभा के गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए।
गवर्नर के धरने पर बैठने का एक वीडियो भी सामने आया है। गवर्नर को धरने पर बैठा देख वहां मीडियाकर्मी जुट गए और फिर उन्होंने मीडिया वालों को अपने धरने पर बैठने की वजह बताई।
आपको बता दें कि एक दिन पहले राज्यपाल कोलकाता यूनिवर्सिटी भी पहुंचे थे। राज्यपाल इस यूनिवर्सिटी के चांसलर भी हैं। यहां आने के बाद उन्होंने देखा कि यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं हैं और यहां तक कि रजिस्ट्रार भी यूनिवर्सिटी में उपस्थित नहीं थे। जिसके बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ वाइस चांलसर के कमरे के बाहर बैठ गए थे। चांसलर के कमरे पर ताला लगा था और वो उनके इंतजार में यहां पर बैठ गए थे।
आपको बता दें कि राज्यपाल विधानसभा का प्रथम सदस्य होता है। लेकिन आज जब राज्यपाल को विधानसभा के अंदर जाने को नहीं मिला तब वो राज्य विधानसभा के बाहर ही धरना देने लगे। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार और गर्वनर के बीच टकराव की खबरें अक्सर आती हैं। इससे पहले राज्य की सीएम ने गवर्नर पर सामानंतर सरकार चलाने का आरोप लगाया था।