कल सुबह से महाराष्ट्र की राजनीति में जो भूचाल आया वो अब तक शांत नहीं हुआ है। देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की शपथ से शुरू राजनीतिक तूफान अब तक शांत नहीं हो पाया है। भतीजे अजित पवार की दगाबाजी से शुरू हुई सुबह शाम तक चाचा शरद पवार के सुपर पावर तक पहुंच गई। कहां तो कल सुबह ‘एनसीपी की टूट’ दिख रही थी जो शाम होते होते ‘एनसीपी एकजुट’ में बदल गई। अब ये लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। आज सुबह साढ़े ग्यारह बजे सुप्रीम कोर्ट में विपक्ष की याचिका पर सुनवाई होनी है।
देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने की महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ‘‘मनमानी और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई/फैसले’’ के खिलाफ शिवसेना ने शनिवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी ने कहा कि मैंने पहले कहा था कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है, अब आप समझ सकते हैं कि मेरा क्या मतलब था। बता दें कि इससे पहले देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद शनिवार दोपहर एनसीपी चीफ शरद पवार और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस की। शरद पवार ने कहा कि हमारा कोई भी कार्यकर्ता NCP-BJP सरकार के पक्ष में नहीं, अजीत पवार का फैसला अनुशासनहीनता है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने बीजेपी पर हमला बोला और कहा, “बीजेपी को डकैतों जैसा व्यवहार बहुत महंगा पड़ेगा।” महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच आरपीआई नेता रामदास अठावले ने संकेत दिया है कि एनसीपी के नेता केंद्र में मंत्री बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूरी एनसीपी एनडीए में शामिल होने जा रही है। संभावना तो यह भी जताई जा रही है कि एनसीपी चीफ शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी मंत्री बन सकती हैं।