जेडीयू (JDU) ने एक बार फिर विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे को गरमाना शुरू कर दिया है। जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव (Dinesh chandra Yadav) का कहना है कि विशेष राज्य (Special status) के मुद्दे पर सभी दलों ने बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में प्रस्ताव का समर्थन किया था। लेकिन जेडीयू की बात तो बीजेपी (BJP) के ही लोगों को नागवार गुजर रही है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष गोपालनारायण सिंह ने विशेष राज्य के मुद्दे को जेडीयू और नीतीश कुमार का शिगूफा बताकर बवाल मचा दिया। बीजेपी सांसद यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, ‘बिहार में जेडीयू के पास अब कोई दूसरा मुद्दा नहीं रह गया है। जेडीयू अबतक जात-पात और मुस्लिम कार्ड खेलती रही है। अब उनके पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है। इसलिए बार-बार इस मुद्दे को वे लोग दोहराते रहते हैं।’
शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार पर तंज
गोपालनारायण सिंह ने बिहार में पूरे सिस्टम को ही भ्रष्ट बताते हुए कहा कि बिहार में सभी टैक्स रिसोर्सेज को बंद कर दिया गया। दारुबंदी को नाम के लिए बंद किया गया, लेकिन ये पूर्ण रूप से लागू नहीं है। सरकार के पास रेवेन्यू नहीं आ रहा है और विकास भी नहीं हो रहा है। बीजेपी सांसद ने आरोप लगाया कि बिहार के लड़के रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों में भाग रहे हैं, लिहाजा अपना मुंह छिपाने के लिए अब दूसरा कोई मुद्दा नहीं रह गया है।
बीजेपी पर दबाव बनाने की स्थिति नहीं
बीजेपी सांसद की तरफ से आया यह बयान जेडीयू और बीजेपी दोनों को परेशान करने वाला है। हालांकि जेडीयू पहले भी कई बार यह मुद्दा उठा चुकी है। लोकसभा चुनाव के वक्त भी जेडीयू की तरफ से बिहार के लोगों से वादा किया गया था कि आप हमें 17 में से कम से कम 15 सीटों पर जीत दिलाइए, हम आपके लिए विशेष राज्य का दर्जा दिलवाएंगे। लेकिन, 16 सीटों पर जीत दर्ज करने के बावजूद जेडीयू कुछ कर सकने की स्थिति में नहीं है। बीजेपी को अपने दम पर ऐतिहासिक जीत मिली, लिहाजा, जेडीयू अपने बड़े सहयोगी बीजेपी पर दबाव बनाने की हालत में नहीं है।
आरजेडी का हमला
अब एक बार फिर से जेडीयू की इस मांग को लेकर सियासत तेज हो गई है। आरजेडी ने भी जेडीयू की इस मांग पर सवाल उठाया है। आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा का कहना है कि जेडीयू के लिए विशेष राज्य के दर्जे का मुद्दा एक फुटबॉल की तरह हो गया है जिसे गाहे-बगाहे उछालकर चुप हो जाते हैं। आरजेडी का दावा है कि अब इस मुद्दे को वे आगे बढ़ाएंगे।