जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रों के विरोध-प्रदर्शन ने सरकार को झुकने को मजबूर कर दिया। मोदी सरकार ने आखिरकार बढ़ी हुई हॉस्टल फीस रिवाइज कर दी है जो कि आंशिक रूप से प्रस्तावित फीस स्ट्रक्चर से कम है। साथ ही गरीब छात्रों को आर्थिक सहायता देने के लिए एक योजना प्रस्तावित की गई है। इसकी जानकारी एचआरडी मिनिस्ट्री ने ट्वीट कर दी।
#JNU Executive Committee announces major roll-back in the hostel fee and other stipulations। Also proposes a scheme for economic assistance to the EWS students। Time to get back to classes। @HRDMinistry
— R। Subrahmanyam (@subrahyd) November 13, 2019
बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने हॉस्टल में इस्टैबलिशमेंट चार्जेज, क्रॉकरी और न्यूजपेपर आदि की कोई फीस नहीं बढ़ाई थी। लेकिन रूम रेंट में भारी बढ़ोत्तरी की थी। पहले जहां सिंगल सीटर हॉस्टल का रूम रेंट 20 रुपये था वो प्रशासन ने बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया था। वहीं डबल सीटर का रेंट दस रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया गया था। ये पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा था। इसके अलावा प्रशासन ने एक नई मद जोड़ी थी।
हॉस्टल फीस वृद्धि के विरोध में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों का विरोध प्रदर्शन बुधवार को तीसरे दिन तक जारी थी। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए जेएनयू में सादी वर्दी में पुलिस बल भी मौजूद रहे। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र विश्वविद्यालय के कुलपति एम.जगदीश कुमार के साथ बैठक करने की मांग पर अड़े हुए थे।