अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के जरिए राम मंदिर बनने का फैसला आने के बाद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बड़ा बयान दिया है।
राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला आने के बाद रक्षामंत्री ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि समय आ गया है। अयोध्या पर आए फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि यह लैंडमार्क डिसीजन है और कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए।
रक्षा मंत्री उत्तराखंड राज्य के 20वें स्थापना दिवस समारोह में हिस्सा लेने देहरादून पहुंचे थे। सिंह ने कहा, “अयोध्या पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का निर्णय ऐतिहासिक है। इस फैसले से भारत का सामाजिक तानाबाना और मजबूत होगा। मैं सभी लोगों से इस फैसले को समानता और उदारता से स्वीकार करने का आग्रह करता हूं।”
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट सोमवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की खंडपीठ भी 15 नवंबर को इस मामले की सुनवाई करेगी। इस साल मई में दिल्ली हाई कोर्ट ने लॉ कमीशन को यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि इसको लेकर दायर पीआईएल पर एक हलफनामा दायर करे।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड ?
देश के सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून चाहे वो किसी भी धर्म या जाति का हो। संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता की चर्चा है। संविधान में कहा गया है कि भारत के सभी राज्यों में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता देने की कोशिश होगी। अभी हिंदुओं, मुस्लिमों और ईसाइयों के लिए अलग-अलग नियम हैं।