शनिवार को भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से विवादित ज़मीन पर फ़ैसला रामलला के पक्ष में सुनाया और मुस्लिम पक्ष को अलग पाँच एकड़ ज़मीन मस्जिद के लिए देने का निर्देश दिया है।
इस फ़ैसले पर भारत में सभी पक्षों से सधी और संतुलित प्रतिक्रिया आ रही है लेकिन पाकिस्तान से आक्रामक प्रतिक्रिया आई है।
World has yet again seen true ugly face of extremist India। Today through verdict on Babri Mosque after illegal action for paper status of IOJ&K on 5 Aug 19।
On the other hand Pakistan today respecting other religion has opened #KartarpurCorridor for Nanak Seweks।#UglyIndia— Asif Ghafoor (@peaceforchange) November 9, 2019
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ़ ग़फ़ूर ने ट्वीट कर कहा, ”दुनिया ने एक बार फिर से अतिवादी भारत का असली चेहरा देख लिया है। पाँच अगस्त को कश्मीर का भारत ने संवैधानिक दर्जा ख़त्म किया और आज बाबरी मस्जिद पर फ़ैसला आया। दूसरी तरफ़ पाकिस्तान दूसरे धर्म का आदर करते हुए गुरु नानक के सेवकों के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोल दिया।”
रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक़ अयोध्या के फ़ैसले पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि इससे मोदी सरकार की कट्टरता झलकती है। क़ुरैशी ने इस पर भी हैरानी जतायी कि जिस दिन करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया उसी दिन भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फ़ैसला क्यों सुनाया। क़ुरैशी ने कहा, ”भारत में मुसलमान पहले से ही दबाव में हैं और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद और दबाव बढ़ेगा।”
Timing of Babri Mosque judgement raised many questions।Why Supreme Court of India announced this verdict on weekend?Is it an effort to counter the inauguration of Kartarpur Corridor for Sikhs in Pakistan same day?Is it a verdict based on law or based on BJP manifesto? https://t।co/P5ELWsMVor
— Hamid Mir (@HamidMirPAK) November 9, 2019
क़ुरैशी ने कहा कि इस फ़ैसले से भारत के सेक्युलर छवि की हक़ीक़त सामने आ गई है।
भारत के ख़िलाफ़ अक्सर विवादित बयान देने वाले पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीक मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को शर्मनाक, फालतू, अवैध और अनैतिक है।
Babri Mosque: India’s Supreme Court in a controversial order has given the ownership of the 2।77 acres site in Ayodhya to Hindus for the construction of a temple। The 460-year-old mosque was demolished in 1992 by extremist Hindus। Muslims to get 5 acres at an alternative site।
— Nadeem Malik (@nadeemmalik) November 9, 2019
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने भी ट्वीट कर कहा, ”बाबरी मस्जिद पर जिस वक़्त फ़ैसला आया उससे कई सवाल खड़े होते हैं। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इस हफ़्ते फ़ैसला क्यों सुनाया? क्या पाकिस्तान ने सिखों के लिए करतारपुर में जो किया उसकी प्रतिक्रिया में यह है? यह फ़ैसला क़ानून के आधार पर है या बीजेपी के घोषणापत्र के आधार पर।”