आज से तीन साल पहले 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र-मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य कर दिया था । उस समय सभी नकदी का 86% प्रचलन बंद कर दिया था, मोदी सरकार के इस फैसले से देश को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी । सोशल मीडिया पर नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर मीम्स वायरल हो रहे हैं ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से तीन साल पहले 8 नवंबर 2016 को देश को संबोधित करते हुए एक बड़ा फैसला लिया था। पीएम मोदी ने देश में चल रहे 1 हजार और 500 रुपये के नोटों के लेन देन को बंद कर दिया था। आज नोटबंदी को तीन साल पूरे होने पर देश को लोगों ने सोशल मीडिया पर मीम्स शेयर करते हुए मोदी सरकार की काफी आलोचना की है और इतना ही नहीं लोगों ने ट्विवटर पर आओ मोदी चौराहे पर भी ट्रेंड करा दिया है।
देश के लोगों ने कितना भी गलत ठहराएं लेकिन पीएम मोदी के इस फैसले की वजह से डिजिटल लेनदेन में साल दर साल बढ़ोतरी हो रही है, हालांकि बड़ी संख्या में लोग अभी भी एक सर्वेक्षण के अनुसार डिजिटल लेनदेन पर नकद लेनदेन को प्राथमिकता देते हैं। सर्वेक्षण ने में यह भी बताया गया कि नोटों के विमुद्रीकरण के बावजूद रियल एस्टेट बाजार में काले धन का वर्चस्व अभी भी जारी है।
देश की जनता को अच्छी तरह से पता है कि सरकार ने साल 2016 में 8 नवंबर को 15।44 लाख करोड़ रुपये के 500 और 1000 रुपये के करेंसी नोटों को अमान्य कर दिया था और कहा था कि काले धन पर नकेल कसना इसका एक मुख्य उद्देश्य था। इस फैसले पर राजनीतिक विरोधियों ने कहा था कि इस कदम का उद्देश्य कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना था और इसके परिणामस्वरूप कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नौकरी का नुकसान हुआ। इसके साथ ही लोगों ने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है और देश में बेरोजगारी भी बढ़ी है।