भारतीय सेना ने हनी ट्रैप की घटनाओं के मद्देनजर एडवाइजरी जारी की है, जिसमें अपने कर्मियों को आध्यात्मिक नेताओं या विदेशी मूल की महिलाओं के साथ दोस्ती से बचने व सर्तक रहने को कहा है। सेना ने पाकिस्तान से संबद्ध 150 प्रोफाइल्स की पहचान की है, जिसका इस्तेमाल भारतीय सेना कर्मियों को हनीट्रैप करने के लिए किया जा रहा है।
यह एडवाइजरी मध्य अक्टूबर में जारी की गई। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां भारतीय सुरक्षा कर्मियों को निशाना बना रही है, जिसमें खास तौर से संवेदनशील इलाकों में तैनात भारतीय सेना के जवान शामिल हैं।
हनी ट्रैप के प्रयासों से सतर्क रहने के निर्देश
सेना ने सभी से सोशल मीडिया पर संवेदनशील जानकारी का खुलासा नहीं करने और हनी ट्रैप के प्रयासों से सतर्क रहने को कहा है। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “पाकिस्तान के ऑपरेटिव सोशल मीडिया के जरिए वरिष्ठ सेना अधिकारियों के कांटैक्ट नंबर व तैनाती पैटर्न जुटा रहे हैं।”
पाकिस्तान के सोशल मीडिया के ऑपरेटिव भारतीय मूल के व्यक्ति के रूप में नाम बदलकर छद्म नामों जैसे विक्रम नाम और खुद को सेना मुख्यालय से काल कर रहे बताकर या इंश्योरेंस अधिकारी बनकर जानकारी ले रहे हैं। अधिकारी ने कहा, “बाबा और आध्यात्मिक विचार से जवानों को फंसाना नया चलन है।”
निशाने पर जूनियर ऑफिसर और नॉन कमीशन ऑफिसर
जासूसी और हनीट्रैप के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के निशाने पर जूनियर ऑफिसर, नॉन कमीशन ऑफिसर, आर्मी के मेडिकल ऑफिसर हैं। आर्मी के मेडिकल ऑफिसर इसलिए क्योंकि उनका मिलना-जुलना सिविलियन के साथ रहता है। साथ ही वे हमेशा अलर्ट पर नहीं रहते।
एक अधिकारी ने बताया कि फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल का इस्तेमाल कर सैन्य कर्मियों से जुड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके जरिए उनसे सूचनाएं निकलवाई जा सकें। इसके लिए वे साथी सैन्य अधिकारी, पुलिसकर्मी या यहां तक की महिलाएं होने का दिखावा कर रहे हैं।