कारवां मैगजीन के रिपोर्ट पर अगर गौर करें तो उनका दावा है कि बी एस येदयुरप्पा सरकार ने अपने मुख्यमंत्री बनने के क्रम में इतना पैसा खर्च की है कि उतने में पुरा देश कई वर्षों तक प्याज खा सकता है । हुआ यूँ कि 2008 में कर्नाटक के अंदर विधानसभा चुनाव हुए थे । बीजेपी को 110 सीटें मिलीं थी मगर सरकार बनाने के लिए तीन और विधायक चाहिए थे । येदयुरप्पा मुख्यमंत्री कैंडिडेट थे बीजेपी के. राज्य में खूब खरीद-फरोख़्त हुई । ये पूरा अध्याय ‘ऑपरेशन लोटस’ के नाम से कुख्यात हुआ । कांग्रेस और जनता दल सेकुलर के 20 विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया । इसकी वजह से मेजॉरिटी वाला आंकड़ा घट गया. येदयुरप्पा ने सरकार बना ली ।
किन-किन नेताओं को कितना पैसा देने का आरोप है?
कारवां ने येदयुरप्पा की लिखी इस डायरी एंट्रीज की कथित तस्वीरें भी छापी हैं. डायरी में लिखा है- मुझे मुख्यमंत्री बनाने वालों में बड़ा योगदान जनार्दन रेड्डी का है. आगे लिखा है- उन लोगों का ब्योरा, जिनके लिए जनार्दन रेड्डी ने पैसा दिया है. आगे कुछ नेताओं के नाम हैं. नाम के आगे उन्हें दिए गए पैसे दर्ज़ हैं. ये नाम हैं-
लालकृष्ण आडवाणी- 50 करोड़
राजनाथ सिंह- 100 करोड़
नितिन गडकरी- 150 करोड़
मुरली मनोहर जोशी- 50 करोड़
अरुण जेटली- 150 करोड़
जजों को- 250 करोड़
वकीलों को- 50 करोड़
नितिन गडकरी के बेटे की शादी में- 10 करोड़
बीजेपी सेंट्रल कमिटी को- 1,000 करोड़
किसने दी है ये खबर?
‘द कारवां’ मैगजीन के मुताबिक, आयकर विभाग के पास 2017 से ही है ये डायरी. इसके मुताबिक, कथित तौर पर येदयुरप्पा ने कर्नाटक के एक विधायक की 2009 की डायरी में इन पेमेंट्स का हिसाब-किताब लिखा हुआ था. अपनी हैंडराइटिंग में. इन सारे भुगतानों के अलावा कुछ जजों और वकीलों को भी पैसा देने की बात लिखी हुई है. वैसे जैन हवाला कांड का हवाला देते हुए कई लोगों ने बताया है कि इस तरह की हाथ से लिखी एंट्रीज की कोई कानूनी कीमत नहीं होती.
अब आते हैं असली खबर पर
खबर है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे भारत में अब प्याज और दाल की कीमतें लोगों को रुलाने लगी हैं। दिल्ली के फुटकर बाजारों में प्याज 100 रुपये किलो बिक रही है। जबकि मंडियों में प्याज 80 रुपये किलो बिक रही है। वहीं दिल्ली में अरहर की दाल 98 रुपये किलो बिक रही है। बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार में महंगाई असमान छू रही है।
इतना ही नहीं खुद सरकार आम लोगो से पूछ रही है कि मंहगाई कम करने के क्या उपाय है । कैसे प्याज की कीमतों को कम किया जा सकता है ।
नोटबंदी और वर्तमान में चल रही आर्थिक मंदी की वजह से लोगों की लाखों नौकरियां चली गईं, ऐसे में दाल और प्याज की महंगाई लोगों को मार दे रही है। घरों में खाने का जयका फीका पड़ने लगा है।
हालाँकि दाल की बढ़ी कीमतों को काबू करने के लिए मोदी सरकार ने विदेशों से अरहर की दाल खरीदने का ऐलान किया है। दाल खरीदने की अंतिम तिथि 15 नवंबर निर्धारित की गई है।
बता दें कि दिल्ली में अरहर दाल की कीमत 98 रुपये हो गई है। वहीं जम्मू में 102 रुपये किलो बिक रही है, अमृतसर में 95 रुपये प्रति किलो बिक रही है। जबकि, मूंग दाल की कीमत मुंबई में 96 रुपये और यूपी में 90 रुपये किलो बिक रही है।
दरअसल, भारत केन्या,बर्मा आदि देशों से अरहर यानि अरहर की दाल आयत करता है। लेकिन इस बार कई देशों में अहरह दाल की पैदावार दो महीने की देरी से हुई है। इसी के चलते भारत की दाल मिलें दाल नहीं खरीद पाई हैं।