छठ (Chhath) बिहार (Bihar) का सबसे बड़ा त्योहार है। लोक आस्था के इस महान पर्व में जाति और धर्म का कोई बंधंन नहीं है। इसी कारण गोपालगंज (Gopalganj) में इस पर्व की महानता के सामने न सिर्फ धर्म की दीवारें ही टूटती हुई नजर आ रही हैं बल्कि वैसे घरों में भी छठ मैया के गीत गूंज रहे हैं जिन घरों से अजान की आवाजें आती हैं। गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड शेर गांव के दर्जनों मुस्लिम (Muslim) परिवार पिछले कई वर्षो से छठ पूजा (Chhath Puja) कर रहे हैं। इन मुस्लिम छठ व्रतियो के मुताबिक छठी मैया ने इनकी मन्नत पूरी कर दी है। तब से वे अपने बेटों की सुख समृधि के लिए इस महान पर्व को करते आ रही हैं।
पूरे जिले के मुस्लिम करते हैं छठ
शेर गांव की फतबुन नेशा, खुश्बू नेशा, ऐनुल नेशा, बेबी खातून, नसीबा खातून, फुलजहां खातून और समीमा खातून जैसे 8 अल्पसंख्यक परिवार हर साल की तरह इस साल भी धूमधाम से छठ पर्व की तैयारी कर रहे हैं। आज छठ पर्व का नहाय खाय का दिन है। इसलिए ये लोग भी प्रसाद तैयार करने में जुटी हैं। गोपालगंज में सिधवलिया प्रखंड का शेर पंचायत कोई अकेला गांव नहीं है, जहां के दर्जनों मुस्लिम परिवार छठ करते आ रहे हैं बल्कि यहां बरौली, थावे, कुचायकोट, उचकागांव और बैकुंठपुर सहित जिले के करीब सभी प्रखंडो में मुस्लिम परिवार छठ कर रहे हैं।
पिछले पांच साल से छठ कर रही हैं समीमा खातून
छठ (Chhath) बिहार (Bihar) का सबसे बड़ा त्योहार है। लोक आस्था के इस महान पर्व में जाति और धर्म का कोई बंधंन नहीं है। इसी कारण गोपालगंज (Gopalganj) में इस पर्व की महानता के सामने न सिर्फ धर्म की दीवारें ही टूटती हुई नजर आ रही हैं बल्कि वैसे घरों में भी छठ मैया के गीत गूंज रहे हैं जिन घरों से अजान की आवाजें आती हैं। गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड शेर गांव के दर्जनों मुस्लिम (Muslim) परिवार पिछले कई वर्षो से छठ पूजा (Chhath Puja) कर रहे हैं। इन मुस्लिम छठ व्रतियो के मुताबिक छठी मैया ने इनकी मन्नत पूरी कर दी है। तब से वे अपने बेटों की सुख समृधि के लिए इस महान पर्व को करते आ रही हैं।
हिन्दू-मुस्लिम के पर्व में कोई अंतर नहीं दिखता
शेर गांव की 60 वर्षीय फतबुन नेशा के मुताबिक वे लोग शेख हैं लेकिन वे 05 वर्षो से छठ पूजा कर रही हैं। उन्हें हिंदू-मुस्लिम के पर्व में कोई अंतर नहीं दिखता है। लोकआस्था के इस महापर्व में जाति और धर्म की टूटती दीवारें उन लोगों के लिए सबक भी है जो धर्म के नाम पर नफरत फैलाने से बाज नहीं आते।