जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ आज लद्दाख का भी इतिहास बदल रहा है। गुरुवार से लद्दाख अब एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया है, साथ ही राज्य को अपने नए उपराज्यपाल भी मिले हैं। रिटायर्ड IAS राधाकृष्ण माथुर (RK माथुर) ने गुरुवार को लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। इसी के साथ ही अब लद्दाख जम्मू-कश्मीर राज्य से अलग हो गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से IAS अफसर उमंग नरूला को लद्दाख के उपराज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया गया है। इसके अलावा IPS अफसर एस।एस। खंडारे को लद्दाख पुलिस का प्रमुख बनाया गया है। लद्दाख के अलावा जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू भी गुरुवार को शपथ लेंगे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों ही अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बने हैं। बस अंतर इतना है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश बना है और लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश है। लद्दाख की ओर से पिछले कई वर्षों से इस मांग को रखा जा रहा था।
शुरुआत में दोनों राज्यों का एक ही हाईकोर्ट होगा लेकिन दोनों राज्यों के एडवोकेट जनरल अलग होंगे। सरकारी कर्मचारियों के सामने दोनों केंद्र शासित राज्यों में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा।
क्या होगा बदलाव
कानून के मुताबिक संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पुडुचेरी की तरह ही विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख चंडीगढ़ की तर्ज पर बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा। बृहस्पतिवार को केंद्रशासित प्रदेश बनने के साथ ही जम्मू-कश्मीर की कानून-व्यवस्था और पुलिस पर केंद्र का सीधा नियंत्रण होगा, जबकि भूमि वहां की निर्वाचित सरकार के अधीन होगी। लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण में होगा।
लद्दाख के पहले उपराज्यपाल कृष्ण माथुर को बनाया गया है। दोनों केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे। मोदी सरकार ने 31 अक्टूबर से पहले बड़ी उलटफेर की है। पीएस श्रीधरन पिल्लई (PS Sreedharan Pillai ) को मिजोरम (Mizoram) का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करके दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासिल प्रदेश बनाया है। 31 अक्टूबर को दोनों केंद्र शासित राज्य प्रभाव में आने वाले हैं। इससे पहले दोनों जगहों पर लेफ्टिनेंट गवर्नर नियुक्त कर दिया गया है। हर कर्मचारी 31 अक्टूबर से केंद्र के सरकारी कर्मचारी बन जाएंगे।