लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने राजद और लालटेन से अपना पल्ला झाड़ लिया है। अब वे बांसुरी चिह्न के सहारे लोगों तक जायेंगे। उसमें राजद का भी नाम नहीं होगा।
क्यों छोड़ा लालटेन और राजद का साथ
दरअसल राजद के छात्र विंग से बेदखल किये गये तेजप्रताप यादव ने अपना संगठन बनाया है छात्र जनशक्ति परिषद्। उन्होंने अपने नये संगठन के लिए चुनाव चिह्न भी जारी कर दिया था। तेजप्रताप यादव ने हाथ में लिए लालटेन को छात्र जनशक्ति परिषद का चिह्न बनाया था। उन्होंने छात्र जनशक्ति परिषद के अपने लेटर पैड पर राजद का भी उल्लेख किया था। इस पर विवाद खड़ा हो गया था। लिहाजा तेजप्रताप यादव लालटेन और राजद से दूर हो गये हैं।
अब तेजप्रताप के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद् ने अपना नया चिह्न बांसुरी को बनाया है। हाथ में लालटेन वाले पुराने चिह्न को बदल दिया गया है। छात्र जनशक्ति परिषद् ने अपने पैड पर लिखे राजद शब्द को भी पैड से हटा दिया है। चर्चा ये है कि लालू प्रसाद के निर्देश पर तेजप्रताप ने ये बदलाव किया है।
दरअसल तेजप्रताप अपनी छात्र जनशक्ति परिषद् का का विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद की झारखंड इकाई का गठन किया है। संजय टाइगर को झारखंड का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके लिए समरोह आय़ोजित किया गया उसमें मौजूद तेजप्रताप के पीछे टंगे छात्र जनशक्ति परिषद के बैनर पर बांसुरी का चिह्न दिख रहा है। जिस लेटर पैड नयी नियुक्ति का एलान किया गया। उस पर राजद का नाम नहीं है। तेजप्रताप समर्थक कह रहे हैं कि तेजु भईया भगवान कृष्ण के महाभक्त हैं। वे बांसुरी भी बेहद सलीके से बजाते हैं। इसलिए छात्र जनशक्ति परिषद का नया चुनाव बांसुरी को बनाया गया है।