बेतिया प्रखंड के मुजा टोला का प्राथमिक विद्यालय भवनहीन है। फूस की झोपड़ी में बच्चों की पढ़ाई होती थी, जो बरसात के दौरान ढह गई। संसाधन के तौर पर यहां सिर्फ एक चापाकल है। झोपड़ी ध्वस्त हो जाने के बाद शिक्षकों ने भी स्कूल आना बंद कर दिया और घर बैठे ही वेतन ले रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में मात्र एक शिक्षिका नियुक्त है जाे कभी नहीं आती हैं।
वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय बलुआ में कार्यरत शिक्षक मनोज कुमार को इस विद्यालय में प्रतिनियुक्त कर एचएम का प्रभार दिया गया है। ये भी अक्सर गायब रहते हैं। स्कूल में 65 बच्चे नामांकित हैं। इन बच्चों की पढ़ाई के लिए अभिभावकों ने आपसी सहयोग से एक पूस की झोपड़ी बनाई थी। जो इस बार बरसात में ढह गई।
बीईओ ने दोनों शिक्षकों के वेतन पर लगाई रोक
बीईओ सीताराम सिंह ने बताया कि लोगों की शिकायत पर विद्यालय की जांच की गई तो दोनों शिक्षक गायब पाए गए। इसको गंभीरता से लेते हुए दोनों शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है।
ढाई किमी दूर मदरहा स्कूल में पढ़ने जाते है बच्चें अभिभावक बेलास यादव, कुंदन यादव, धनंजय यादव, इंद्रजीत सहनी, मोहन राम आदि ने बताया कि विद्यालय बन्द होने के कारण मजबूरन बच्चों को ढाई किमी दूर मदरहा गांव के विद्यालय में भेजना पड़ रहा है। एमडीएम बंद होने के कारण दोपहर में घर लौटे बच्चे वापस विद्यालय नहीं जा पाते हैं। अभिभावकों ने विभाग से विद्यालय भवन निर्माण की मांग की है।