महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने शुक्रवार को सावरकर को भारत रत्न देने की सिफारिश की आलोचना की। तुषार गांधी ने कहा, ”सावरकर को भले ही इस मामले में बरी कर दिया गया हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कोर्ट ने उन्हें निर्दोष करार दिया था। कोर्ट ने सिर्फ यह कहा था कि हमारे पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं।”
तुषार गांधी ने कहा, ”एक ऐसे समय में जब उनकी (महात्मा गांधी) हत्या के संरक्षक को भारत रत्न देने पर विचार किया जा रहा है। मैं सोचता हूं कि यह महत्वपूर्ण है कि हम बापू की हत्या के पीछे के मुख्य उद्देश्य और षडयंत्र को समझें। सावरकर को बरी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि सावरकर के अपराध को संदेह से परे साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए।”
दरअसल, बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा था कि पार्टी, केंद्र सरकार से वीडी सावरकर को भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने को कहेगी। इसके बाद इस मसले पर सियासी घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं।
‘हमें पुरानी बातें याद रखनी चाहिए’
महात्मा गांधी के पड़पोते ने कहा कि जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोग सावरकर को सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने पर विचार कर रहे हों तो हमें ये सारी पुरानी बातें याद रखनी चाहिए। भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में चुनाव जीतने पर सावरकर को भारत रत्न देने का उल्लेख किया था। इसके बाद से ही लगातार कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं।