रेलवे समय पर ट्रेनों को चलाने के लिए लिंक एक्सप्रेस व स्लीप कोच के संचालन की संख्या सीमित करेगी। इससे किसी ट्रेन में अतिरिक्त कोच जोड़ने या फिर कोच को कम करने की जरूरत नहीं रहेगी। इससे समय की बचत होगी और ट्रेन को समय पर चलाने में मदद मिलेगी। उत्तर रेलवे भी आठ जोड़ी ट्रेनों में यह सुविधा समाप्त करने का फैसला किया है।
अधिकारियों का कहना है कि लिंक एक्सप्रेस व स्लीप कोच सेवा में किसी स्टेशन पर दो ट्रेनों या कुछ कोच को जोड़ने और उसे अलग करने में काफी समय लगता है। वहीं, एक रूट की ट्रेन के लेट होने पर दूसरी ट्रेन को भी रोककर रखना पड़ता है जिससे कि दोनों को जोड़ा जा सके। इस प्रक्रिया में काफी समय की बर्बादी होती है और ट्रेन को समय पर चलाने में परेशानी होती है।
नए टाइम टेबल में इसे लागू करने की तैयारी है। रेलवे में नए टाइम टेबल बनाने की तैयारी चल रही है। पिछले कुछ वर्षों से अक्टूबर में नया टाइम टेबल लागू किया जाता है। हालांकि, कोरोनो संकट की वजह से इन दिनों में विशेष ट्रेनें चल रही हैं। इस वजह से पिछले वर्ष टाइम टेबल नहीं आया था।
इस वर्ष नया टाइम टेबल घोषित करने की तैयारी चल रही है। कई ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जाएगी जिससे उसके परिचालन समय में भी बदलाव होगा। कई ट्रेनों के फेरे बढ़ाए जाएंगे। इसके साथ ही बेहतर परिचालन के लिए कुछ रूट पर लिंक एक्सप्रेस बंद करने की तैयारी है।