डीटीओ कार्यालय में यदि आपका परिचय नहीं है और लाइसेंस, परमिट, वाहन को निबंधन करवाना है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। मोटर एक्ट अधिनियम में संशोधन के बाद वाहनों से संबंधित समस्याओं का निस्तारण 10 से 30 दिनों के अंदर किया जा रहा है। लाइसेंस, परमिट, प्रदूषण सेंटर और रजिस्ट्रेशन से संबंधित समस्याओं का निस्तारण समय सीमा से पहले ही हो जा रहा है। कई जगहों पर परमानेंट लाइसेंस आवेदन करने के एक सप्ताह बाद ही लोगों के घर पहुंच रहा है। इससे लोगों को सहूलियत मिल रही है। वहीं डीटीओ कार्यालय से संबंधित अधिकारियों का कहना है कि आम पब्लिक के साथ ही कार्यालय में काम करने वाले लोगों को भी सहूलियत है।
हर काम का समय तय
परिवहन से संबंधित सभी काम पहले की अपेक्षा आधे समय में हाे रहे हैं। इससे पहले 2014 में समय सीमा का निर्धारण किया गया था। पहले लर्निंग लाइसेंस बनाने में 30 दिन का समय लगता था, अब 10 दिनों में ही बन जा रहा है। परमानेंट लाइसेंस भी 90 दिनों की अपेक्षा 30 दिनों में दिया जा रहा है। स्मार्ट कार्ड 15 दिनों की जगह 7 दिनों में लोगों के घर तक पहुंच रहा है। बैंक लोन समाप्त होने के बाद एनओसी के लिए पहले 30 दिनों का वक्त लगता था, अब यह काम भी 10 दिनों में हाे रहा है। निजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 30 की जगह 7 दिन अाैर व्यावसायिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 30 की जगह 10 दिनों का ही समय लग रहा है।
लाइसेंस रिन्युअल के लिए अलग से बनाया नियम
निजी, व्यावसायिक और ज्वलनशील पदार्थ के टैंकर चालकों को उसी नियम से डीएल जारी होगा। पुराने एमवी एक्ट के तहत कोई युवक 18 साल की उम्र में लाइसेंस लेता था तो उसे 20 साल या 50 साल की उम्र पूरी होने तक डीएल जारी रहता था। इसके बाद डीएल को रिन्युअल किया जाता था। अब केंद्र सरकार ने डीएल जारी करने को लेकर नया नियम लागू कर दिया है। इस नियम के तहत 30 वर्ष से कम उम्र का कोई व्यक्ति डीएल बनवाता है तो उसे 40 वर्ष पूरे होने तक लाइसेंस जारी किया जाएगा। 30 साल से उम्र ज्यादा, लेकिन 50 साल से कम है तो लाइसेंस 10 साल के लिए बनेगा।